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केंद्र पर निशाना: संजय राऊत ने उठाया सवाल - कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न, सावरकर को क्यों नहीं
- शिवसेना (उद्धव) नेता राऊत ने उठाए सवाल
- ठाकुर को भारत रत्न, सावरकर को क्यों नहीं
- सर्वोच्च नागरित सम्मान का फैसला राजनीतिक लाभ के लिए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ दिए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर शिवसेना (उद्धव) ने सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ नहीं देने को लेकर सत्ताधारी भाजपा की आलोचना की है।
शिवसेना (उद्धव) नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले को एक राजनीतिक कदम बताते हुए कहा कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद अब तक 11 लोगों को "भारत रत्न' से सम्मानित किया गया है, लेकिन सावरकर को इस सूची में जगह नहीं मिली है। बिहार में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की राजनीति का सूत्रधार माने जाने वाले ठाकुर की जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर मंगलवार को उन्हें ‘भारत रत्न’ के लिए नामित किया गया।
ठाकुर का 1988 में निधन हो गया। वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दो बार मुख्यमंत्री बने। राऊत ने कहा कि हम इस बात पर कायम हैं कि वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ दिया जाना चाहिए। कर्पूरी ठाकुर ओबीसी के नेता हैं और हमें खुशी है कि उन्हें ‘भारत रत्न’ के लिए नामित किया गया है। राऊत ने कहा कि यह चुनावी मौसम है और बिहार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि शिवसेना (उद्धव) लगातार सावकर को भारत रत्न देने की मांग कर रही है पर उनकी सहयोगी कांग्रेस लगाकार सावरकर की आलोचना करती रहती है।
राहुल गांधी से पूछा है क्याॽ
राऊत के बयान प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अजय पाठक ने कहा कि राऊत ने यह बयान देने से पहले अपने मित्र राहुल गांधी से पूछा है क्याॽ उन्होंने कहा कि सावरकर भाजपा के लिए आदरणीय हैं। पर शिवसेना (उद्धव) की मित्र दल कांग्रेस सावरकर को लेकर हमेशा ओझी भाषा का इस्तेमाल करती रहती हैं। जिस पर राऊत चुप्पी साध लेते हैं।
Created On :   24 Jan 2024 8:52 PM IST