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सर्वेक्षण में खुलासा: कोविड री-इंफेक्शन को लेकर एनजीओ लोकल सर्किल ने कराया सर्वे
- राज्य में 11 प्रतिशत लोग तीन से अधिक बार हुए कोरोना संक्रमित
- 22 फीसदी की हालत थी गंभीर
- मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, अकोला, गोंदिया, नांदेड़, अमरावती, जलगांव आदि शहरों में किया गया सर्वे
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। कोरोना को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में चौंकानेवाला खुलासा हुआ है। गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) लोकल सर्किल के सर्वे में पता चला कि बीते 42 महीने में राज्य के 11 प्रतिशत लोग तीन से अधिक बार कोरोना संक्रमित हुए। ऐसे लोगों की संख्या तीन प्रतिशत रही, जो पांच बार या इससे भी ज्यादा बार संक्रमण की चपेट में आए। संक्रमितों में 22 प्रतिशत की हालत गंभीर हो गई थी। इनमें से ज्यादातर को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। सर्वे में शामिल 6,503 लोगों में 39 फीसदी ऐसे हैं, जो एक बार कोविड-19 की चपेट में आए। लोकल सर्किल ने यह सर्वेक्षण मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, अकोला, गोंदिया, नांदेड, अमरावती, जलगांव आदि शहरों में किया। लोकल सर्किल के संस्थापक सचिन टपारिया ने बताया कि सर्वे में कोविड री-इंफेक्शन को लेकर तीन सवाल पूछे गए थे।
17% एक बार भी संक्रमित नहीं
पिछले 42 महीने में कोविड से कितनी बार संक्रमित होने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब 2,136 लोगों ने दिया। इनमें से 39 फीसदी ने बताया कि वे एक बार संक्रमित हुए जबकि 17 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे अभी तक कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं। सर्वे में शामिल 16 फीसदी लोगों ने बताया कि वे दो बार कोविड संक्रमित हो चुके हैं।
पहली-दूसरी लहर में ज्यादा संक्रमण
किस साल संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आए? इसका 2032 लोगों ने जवाब दिया। इनमें से 29 फीसदी ने बताया कि वे 2020 में कोविड की पहली लहर और 2022 में कोविड की तीसरी लहर में एक से ज्यादा बार संक्रमित हुए। 26 फीसदी लोगों ने बताया कि वे दूसरी लहर यानी 2021 में और तीसरी लहर में ज्यादा संक्रमित हुए हैं। 27 फीसदी लोगों ने बताया कि वे कोविड की तीसरी लहर और 2023 में संक्रमित हुए हैं।
क्या कहा डॉक्टर ने
बॉम्बे हॉस्पिटल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. गौतम भंसाली ने बताया कि कोविड वायरस की तीव्रता को कम करने में वैक्सीन काफी कारगर साबित हुई। उन्होंने बताया कि उनके पास इलाज के लिए कई ऐसे मरीज आए, जिन्हें एक से दो बार कोविड हो चुका है। लेकिन इन मरीजों में कोविड तीव्रता काफी कम थी। इनमें से किसी भी मरीज को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ी।
Created On :   5 Sept 2023 12:11 PM GMT