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नाबालिग आरोपी को वयस्क के रूप में जेल में डालने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच रिपोर्ट पेश
- पुलिस अधिकारी पर नाबालिग के पिता से 50 हजार रुपए मांगने का आरोप
- पुलिस अधिकारी पर नाबालिग के पिता से 50 हजार रुपए मांगने का आरोप
- अदालत के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को सौंपी गई थी जांच
- 3 सप्ताह में होगी मामले की सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई, शीतला सिंह. बॉम्बे हाई कोर्ट में मंगलवार को साल 2021 में नाबालिग आरोपी को बालिग बनाकर ठाणे जेल में डालने वाले दिंडोशी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक समाधान वाघ के खिलाफ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की जांच रिपोर्ट पेश की गयी। अदालत में जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले की सुनवाई तीन सप्ताह में होगी। पिछले साल अदालत के आदेश पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच सौंपी गयी थी।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को किशोर के पिता की ओर से वकील वशिष्ठ कुमार अरोरा, वकील विपुल यादव और वकील आकाश गिरी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील अरोरा ने खंडपीठ को सूचित किया कि नाबालिग घोषित कर डोंगरी के किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) में भेजे गए किशोर को इस साल 4 मई को बाल अदालत से जमानत मिल गयी। खंडपीठ के समक्ष सहायक पुलिस निरीक्षक समाधान वाघ के खिलाफ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की जांच रिपोर्ट पेश की गई। सरकारी वकील ने अदालत से समय की मांग की। अदालत ने मामले की सुनवाई के तीन सप्ताह का समय दिया है।
अदालत ने पिछले साल 11 सितंबर को उत्तरी प्रादेशिक विभाग के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त को दिंडोशी पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक समाधान वाघ के खिलाफ जांच का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारी पर आरोप लगाया था कि वह 2021 में हत्या के एक मामले में याचिकाकर्ता के नाबालिग बेटे को गिरफ्तार किया था। उसे वयस्क के रूप में ठाणे सेंट्रल जेल में बंद कर दिया गया था। किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) अधिनियम के तहत इसकी अनुमति नहीं है। पुलिस ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि नाबालिग के पिता पुलिस अधिकारी की 50 हजार रुपए की मांग को पूरा नहीं किया था। याचिका में कहा गया था कि पिछले अगस्त 2021 में गिरफ्तार होने पर आरोपी 16 साल का था। अदालत ने नाबालिग को डोंगरी बाल सुधार गृह में स्थानांतरित करने अौर आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच निर्देश दिया था। साथ ही अदालत ने किशोर न्याय बोर्ड को सभी दस्तावेजों के साथ नए अधिकारी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर विचार करने और रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख से एक सप्ताह के भीतर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया था।
Created On :   8 Aug 2023 9:31 PM IST