- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- मंत्री दीपक केसरकर के बयान पर...
बंद कमरे में चर्चा: मंत्री दीपक केसरकर के बयान पर राजनीति गरमाई
- कोई किसी के भी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े इसका कोई महत्व नहीं
- विपक्ष का आरोप, शिंदे गुट लड़ेगा भाजपा के चुनाव चिन्ह पर चुनाव
- बंद कमरे में बीस मिनट फडणवीस और अजित की चर्चा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री एवं शिवसेना (शिंदे) गुट नेता दीपक केसरकर के बयान से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। केसरकर ने कहा है कि तीनों दलों में कोई किसी के भी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े इसका कोई महत्व नहीं है। हम उस उम्मीदवार को जिताने के लिए दिन रात एक कर देंगे। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर सुप्रीम कोर्ट से शिवसेना के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर कोई फैसला नहीं हुआ तो शिंदे गुट के सभी विधायक भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ सकते हैं।
विपक्ष के नेता पिछले काफी समय से शिंदे गुट के विधायकों पर आरोप लगाते रहे हैं कि वो आगामी चुनाव भाजपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे। अब दीपक केसरकर के बयान ने विपक्ष के आरोपों को और हवा दे दी है। केसरकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में तीनों दलों की सरकार बड़े सामंजस्य के तहत चल रही है। आगामी चुनाव को लेकर जब केसरकर से गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शिवसेना का मामला अदालत में चल रहा है। हमें कोई भी चुनाव चिन्ह मिलने का प्रश्न नहीं उठता है। कोई किसी के भी चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़े इसका कोई महत्व नहीं है। हमारे तीनों दलों की यही कोशिश होगी कि जो भी चुनाव लड़ेगा उसको जीत दिलाना ही होगी।
केसरकर सत्ता के लिए शिवसेना में आए: राऊत
शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने दीपक केसरकर पर निशाना साधते हुए कहा कि केसरकर सिर्फ सत्ता के लिए शिवसेना में आए थे और उद्धव ठाकरे ने उन्हें मंत्री भी बनाया था। राऊत ने कहा कि केसरकर का हमने उस समय विरोध भी किया था। उन्होंने कहा कि एक दिन केसरकर सीएम एकनाथ शिंदे की पीठ में खंजर घोंप कर भाजपा में शामिल हो जाएंगे। राऊत के बयान पर केसरकर ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें पहले भी भाजपा में आने का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने शिवसेना नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि मैं एकनाथ शिंदे का कभी साथ नहीं छोडूंगा।
फडणवीस और अजित की बंद कमरे में भेंट
मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने करीब 20 मिनट तक बंद कमरे में चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि फडणवीस और अजित की मुलाकात में राकांपा (अजित) के बाकी बचे मंत्रियों के पालक मंत्री बनाने को लेकर चर्चा हुई। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इसके अलावा तीनों ही दलों के नेताओं की नाराजगी कम करने के लिए उन्हें महामंडलों के जरिए समायोजित किया जा सकता है।
Created On :   10 Oct 2023 10:44 PM IST