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Mumbai News: पालकमंत्री पद बंटवारे को लेकर शिंदे - अजित गुट में नाराजगी, मुंडे बोले - मैने ही दी थी सलाह
- गोगावले को बनाया जाना चाहिए था पालकमंत्री- गुलाबराव
- मैंने ही दादा को बीड का पालकमंत्री बनने की सलाह दी थी- मुंडे
Mumbai News. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्विट्जरलैंड के दावोस दौरे पर जाने से पहले ही राज्य के सभी जिलों के पालकमंत्री के नाम पर मुहर लगा दी थी। अब फडणवीस के इस फैसले के बाद शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) खेमे में नाराजगी देखने को मिल रही है। शिवसेना (शिंदे) नेता एवं राज्य सरकार में जलापूर्ति मंत्री गुलाबराव पाटील ने पालकमंत्री पद के तगड़े दावेदार भरत गोगावले को पालकमंत्री नहीं बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। पाटील ने कहा कि गोगावले को निश्चित रूप से पालकमंत्री बनाया जाना चाहिए था। इसके अलावा दादाजी भुसे भी पालकमंत्री पद के हकदार थे। लिहाजा दोनों ही मंत्रियों को पालकमंत्री नहीं बनाए जाने के इस संबंध में पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात करेंगे। वहीं दूसरी ओर अजित गुट में भी मंत्री धनंजय मुंडे को पालकमंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर पार्टी में नाराजगी की खबर है।
गोगावले को बनाया जाना चाहिए था पालकमंत्री- गुलाबराव
मंत्री गुलाबराव पाटील ने कहा कि पिछले काफी समय से पालकमंत्रियों को लेकर जो पेंच फंसा हुआ था, वह शनिवार रात सुलझ तो गया लेकिन गोगावले और भुसे हमारी पार्टी के दो वरिष्ठ नेता हैं और दोनों पालकमंत्री पद के हकदार थे। इन दोनों ही नेताओं की उपमुख्यमंत्री शिंदे से पालकमंत्री पद को लेकर बातचीत भी चल रही थी। लेकिन अचानक उनका नाम पालकमंत्री पद की लिस्ट में नहीं देखा तो उन्हें अचरज हुआ। वह इस संबंध में पार्टी प्रमुख शिंदे से पूछेंगे कि ऐसा क्या हुआ कि दोनों नेताओं को पालकमंत्री पद नहीं दिया गया। पाटील ने कहा कि कुछ मंत्रियों के पास अभी भी दो-दो जिलों के का प्रभार है, लिहाजा गोगावले और भुसे को पालकमंत्री पद देना चाहिए।
उधर रायगड का पालकमंत्री पद नहीं मिलने से नाराज भरत गोगावले के कार्यकर्ताओं में उन्हें पालकमंत्री नहीं बनाए जाने से शिवसैनिकों में बहुत नाराजगी है। गोगावले के कार्यकर्ताओं ने शनिवार देर रात मुंबई-गोवा हाईवे को रोकने का प्रयास किया। गोगावले ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पालकमंत्री पद को लेकर वह शिंदे से चर्चा करेंगे और आगे कोई फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं को श्रद्धा और सबुरी रखनी चाहिए। ईश्वर के घर देर है, अंधेर नहीं। उन्होंने कहा कि मेरे सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि मैं पालकमंत्री बनूं लेकिन इसको लेकर शिंदे जो निर्णय लेंगे वह मुझे मंजूर होगा। उधर धनंजय मुंडे को पालकमंत्री नहीं बनाए जाने पर पार्टी के कुछ नेताओं ने नाराजगी जताई है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी में एक धड़ा मुंडे को पालकमंत्री बनाए जाने के पक्ष में था। हालांकि मुंडे ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी के अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीड का पालक मंत्री बनने की इच्छा जताई थी। अजित बीड़ का विकास पुणे की तर्ज पर करना चाहते हैं। वैसे खुद मैंने ही अजित दादा को बीड का पालकमंत्री बनने की सलाह दी थी। मुंडे ने कहा कि हालांकि मेरी इस फैसले को लेकर कोई नाराजगी नहीं है।
Created On :   19 Jan 2025 10:31 PM IST