Mumbai News: अब महाराष्ट्र के इन आठ सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग का ईपी तकनीक से होगा इलाज

अब महाराष्ट्र के इन आठ सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग का ईपी तकनीक से होगा इलाज
  • कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब की होगी स्थापना
  • निजी अस्पतालों में आता है 3 से 5 लाख का खर्च
  • एक ईपी लैब पर खर्च होगा 4 करोड़ 85 लाख

Mumbai News : राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आनेवाले आठ सरकारी अस्पतालों में अब हृदय रोगों का इलाज अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों के हृदय रोग विभाग में कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी (ईपी) लैब स्थापित की जाएगी। इस लैब में हृदय गति में अनियमितताओं का निदान और उपचार किया जाएगा। फिलहाल ऐसा इलाज निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। जिसका खर्च 3 से 5 लाख रुपए आता है लेकिन सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मुफ्त में दी जाएगी।

हृदय रोग से पीड़ितों को विभिन्न उपचार पद्धतियोंसे गुजरना पड़ता है। एंजियोप्लास्टी और बायपास के अलावा भी हृदय रोग का इलाज आधुनिक पद्धति से होता है। अचानक चक्कर आना (सिंकोप) और दिल कीतेज धड़कनसे पीड़ितों का चिकित्सकीय भाषा में कार्डियक अरीथमिया के रूप में निदान किया जाता है। ईपी लैब की मदद से इन बीमारियों का पता और इलाज दोनों किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में आने वाले ऐसे मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता था लेकिन सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

एक ईपी लैब पर खर्च होगा 4 करोड़ 85 लाख

मुंबई के जेजे, पुणे के ससून, नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, अकोला के सरकारी मेडिकल कॉलेज, छत्रपति संभाजी नगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज, मिरज के सरकारी मेडिकल कॉलेज और सोलापुर के डॉ. वैशंपायन स्मृति सरकारी मेडिकल कॉलेज में यह ईपी लैब शुरू किए जाएंगे। प्रत्येक ईपी लैब पर 4 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके लिए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने करीब 40 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।

Created On :   30 Sept 2024 4:36 PM GMT

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