हाईकोर्ट: वकील गुणरत्न सदावर्ते की मराठा आरक्षण के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं

वकील गुणरत्न सदावर्ते की मराठा आरक्षण के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई नहीं
  • मेडिकल छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया से पहले सुनवाई का किया गया था अनुरोध
  • याचिका में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मराठा समाज को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के खिलाफ वकील गुणरत्न सदावर्ते की दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। सदावर्ते ने 10 मार्च को मेडिकल छात्रों की प्रवेश के फार्म भरने का हवाला देकर इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को गुणरत्न सदावर्ते की याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिका में राज्य सरकार समेत जितने भी लोगों को पार्टी बनाया गया है, खंडपीठ ने उन सभी पार्टियों को नोटिस जारी किया। सदावर्ते ने दलील दी कि मेडिकल छात्रों की प्रवेश के फार्म भरने का अंतिम तारीख 10 मार्च है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि मराठा छात्र 10 फीसदी आरक्षण के लिए मेडिकल में प्रवेश का फार्म भरते हैं और यदि आरक्षण रद्द हो जाता है, तो उनके मेडिकल में प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी। इस मामले पर तत्काल सुनवाई करना संभव नहीं है। मामले की सुनवाई 13 मार्च को रखी गई है।

याचिका में दावा किया गया है कि मनोज जरांगे-पाटिल के आंदोलन के कारण राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है। आरक्षण सरकार और विपक्ष की साजिश से दिया गया है। कोई भी 50 प्रतिशत की सीमा को पार नहीं कर सकता और कोई भी संविधान से बड़ा नहीं है। सदावर्ते ने कहा कि हमारी याचिका केवल मराठा आरक्षण के खिलाफ नहीं है।

हम राज्य सरकार द्वारा विज्ञापित भर्ती प्रक्रिया का भी विरोध करते हैं। इस भर्ती में 10 प्रतिशत की नई मराठा आरक्षण नीति का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। यह आरक्षण संविधान का उल्लंघन कर दिया गया है। इस नए 10 प्रतिशत आरक्षण से 15 हजार पुलिस भर्ती, 2 हजार शिक्षक भर्ती और 50 हजार मेडिकल छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया को फायदा होगा। इस प्रक्रिया पर रोक लगाया जाना चाहिए।


Created On :   8 March 2024 7:28 PM IST

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