गौतम नवलखा की जमानत याचिका का एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट में किया विरोध

गौतम नवलखा की जमानत याचिका का एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट में किया विरोध
  • गौतम नवलखा का विदेशी नक्सलियों से संबंध का दिया हवाला
  • याचिका का एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट में किया विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स के पूर्व सचिव गौतम नवलखा की जमानत याचिका के खिलाफ हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें उनके विदेशी नक्सलियों से संबंध का हवाला देकर जमानत का विरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और एस.जी.डिगे की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार को नवलखा द्वारा दायर जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने नवलखा की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए एक सप्ताह के स्थगन का अनुरोध करते हुए अदालत को सूचित किया कि 20 जुलाई को नव नियुक्त अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) देवांग गिरीश व्यास ने अभी तक पदभार नहीं संभाला है। केंद्र सरकार ने उन्हें 6 महीने की अवधि के लिए या नियमित एएसजी की नियुक्त होने तक बॉम्बे हाई कोर्ट के एएसजी के रूप में कार्यभार संभालने की मंजूरी दे दी। वर्तमान में व्यास के पास गुजरात हाईकोर्ट के लिए एएसजी का प्रभार है। खंडपीठ ने अब मामले की सुनवाई 1 अगस्त को रखा है।

संदेश पाटिल अदालत में नवलखा की जमानत याचिका पर 200 पन्नों का जवाब दाखिल किया है। एनआईए का दावा है कि नवलखा एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य है। वह विदेशी नक्सलियों के संपर्क में थे और उनके उद्देश्यों को आगे बढ़ाने वाली गतिविधियों में लिप्त थे। तलाशी के दौरान नवलखा के घर से जब्त किए गए गैजेट्स में आपत्तिजनक दस्तावेज पाए गए हैं। इससे पहले एनआईए ने विशेष अदालत में 38 पन्नों के जवाब में नवलखा की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया है। अदालत ने इस आधार पर नवलखा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। विशेष एनआईए न्यायाधीश राजेश कटारिया ने कहा था कि नवलखा के खिलाफ आरोप एनआईए की नवलखा के खिलाफ आरोपों के संदर्भ में एकत्र की गई सामग्री और साक्ष्य प्रथम दृष्टया सही हैं।

एल्गर परिषद का मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में एक कार्यक्रम में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके कारण कथित तौर पर अगले दिन भीमा कोरेगांव में दंगा हुआ था। जांच के दौरान आरोपियों के कथित माओवादी संबंध सामने आए. इस मामले को शुरू में पुणे पुलिस ने संभाला था, लेकिन बाद में इसे एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया। मामले में सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है। नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन शुरुआत में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के तलोजा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।

Created On :   25 July 2023 9:12 PM IST

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