राहत: कैंसर मरीजों पर रेडिएशन के दुष्प्रभावों को कम करेगी नई टैबलेट

कैंसर मरीजों पर रेडिएशन के दुष्प्रभावों को कम करेगी नई टैबलेट
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी और तकलीफ मिटाएगी
  • 150-175 रुपए की एक डोज से तकलीफ होगी कम
  • आईडीआरएस-टाटा अस्पताल-बीएआरसी और डीएई ने किया विकसित
  • कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए राहतभरी खबर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कैंसर मरीजों को रेडियोथेरेपी लेने के बाद होनेवाले दुष्प्रभावों से बचाने के लिए नई टैबलेट बाजार में आ गई है। एक्टोसाइट नामक इस दवा को आईडीआरएस लैब ने परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) और टाटा मेमोरियल अस्पताल के संयुक्त तत्वावधान में विकसित किया है। इस दवा का फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल टाटा मेमोरियल अस्पताल में शुरू है। बाजारों में उपलब्ध यह टैबलेट फूड सप्लीमेंट के रूप में इम्युनिटी बढ़ाने और एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में काम करेगी इसके अगले चरण मेंरेडियोथेरेपी के बाद होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए भी काम में लाई जाएगी।

कैंसर रोग पर नियंत्रण और मरीजों के उपचार को आसान और उन्नत बनाने के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल की ओर सेलगातार शोधकार्य किया जाता रहा है। इसी कड़ी में कैंसर ग्रसित मरीजों को रेडियोथेरेपी उपचार लेने के बाद होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने के लिए एक टैबलेट विकसित किया गया है। बुधवार को बीएआरसी के निदेशक विवेक भसीन, टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता, एक्ट्रेक के निदेशक डॉ. पंकज चतुर्वेदी और परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में इस टैबलेट को लॉन्च किया गया है। डॉ. सुदीप गुप्ता ने बताया कि फिलहाल इस टैबलेट का इस्तेमाल फूड सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे कैंसर मरीजों की इम्यूनिटी बढ़ेगी और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखा जा सकेगा।

कैंसर उपचार में परिवर्तनकारी इस टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल में शामिल रहे टाटा मेमोरियल अस्पताल के खारघर सेंटर एक्ट्रेक के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग (बीएआरसी) के वैज्ञानिक क्लोरोफिलिन केमिकल को लेकर कई रिसर्च कर चुके हैं। इस केमिकल का परिणाम सकारात्मक असर दिखा रहा था। इन्हीं परिणामों को बीएआरसी के वैज्ञानिकों ने एक्ट्रेक के डॉक्टरों के साथ साझा किया। परिणामों के आधार पर एक्ट्रेक के डॉक्टरों ने इस केमिकल का उपयोग कर टैबलेट विकसित करने परसहमति दी और परमाणु ऊर्जा विभाग के साथ मिलकर एक रणनीति भी तैयार की। डॉक्टरों का विश्वास है कि यह टैबलेट कैंसर उपचार प्रोटोकॉल में एक परिवर्तनकारी साबित होगा।

मरीजों पर किया गया ट्रायल _ एक्ट्रेक के वरिष्ठ डॉक्टर विक्रम गोटा के मुताबिक इस दवाई का फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल जारी है। स्वस्थ वॉलेंटियर के अलावा रेडियोथेरेपी के बाद होनेवाले दुष्प्रभाव से गुजर रहे पेल्विक कैंसर से पीड़ित 24 मरीजों पर किए गए क्लिनिकल ट्रायल में परिणाम सकारात्मक दिखे। डॉक्टर ने बताया कि कई बार दुष्प्रभाव कुछ मरीजों में इतने गंभीर हो जाते हैंकि मूत्राशय निकालने की नौबत आ जाती है। लेकिन इस दवाई का असर ऐसा रहा कि मूत्राशय को सर्जरी से हटाने की आवश्यकता समाप्त हो गई। उन्होंने बताया कि अभी यह देखा जा रहा है कि इन मरीजों पर इसका असर कितने समय तक रह सकता है यह जांचा जा रहा है। इसके अलावा हेड एंड नेक कैंसर, रेक्टम कैंसर आदि कैंसर पीड़ितों के मरीजों पर रेडियोथैरेपी से होनेवाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यह टैबलेट कितनी कारगर है, इसका भी ट्रायल किया जा रहा है। इस ट्रायल को पूरा होने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है।

एक दिन के डोज की कीमत 140-175 रुपए _ फिलहाल फूड सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल की जा रही इस दवा के एक दिन के कोर्स की कीमत 140 रुपए से 175 रुपए के बीच है। वर्तमान में डॉक्टर एक दिन में एक गोली इस्तेमाल के लिए कहते हैं। जो खाने से एक घंटे पहले लेनी होती है। डॉक्टर ने यह भी कहा कि इस दवा का इस्तेमाल रेडियोथेरेपी के दौरान ही किया जा सकेगा।

Created On :   12 Jun 2024 8:13 PM IST

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