Nagpur News: विधानसभा प्रश्नोत्तर - नार्वेकर ने कहा - अदालत की तारीख जल्द मिलती है, अस्पताल की तारीख नहीं मिलती

विधानसभा प्रश्नोत्तर - नार्वेकर ने कहा - अदालत की तारीख जल्द मिलती है, अस्पताल की तारीख नहीं मिलती
  • मुंबई के अस्पतालों की दुर्दशा को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने की टिप्पणी
  • अदालत की तारीख जल्द मिलती है, अस्पताल की तारीख नहीं मिलती

Mumbai News. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को विधानसभा में एक सवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत की तारीख जल्दी मिलती है, लेकिन अस्पताल की तारीख नहीं मिलती। मुंबई के अस्पतालों की दुर्दशा को लेकर सवाल उठाते हुए नार्वेकर ने कहा कि मुंबई समेत राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्थिति खराब हो गई है। मुंबई के अस्पतालों में दवाई से लेकर मरीजों के मेडिकल टेस्ट नहीं हो रहे हैं। नार्वेकर ने राज्य सरकार से विधानमंडल का सत्र खत्म होने से पहले रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरे केबिन में मुंबई समेत सरकारी अस्पतालों में उच्च सुविधा उपलब्ध हो, इसको लेकर तीन बार बैठक भी हो चुकी है। लेकिन हालात ये हैं कि सीटी स्कैन से लेकर एमआरआई की मशीन तक कुछ अस्पतालों में नहीं पहुंची है। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक साजिद पठान ने अकोला में पिछले आठ साल से एमआरआई मशीन नहीं खरीदने का सवाल उठाया, जिस पर नार्वेकर ने यह टिप्पणी की।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि सरकार ने अकोला के सरकारी अस्पताल के लिए 8 साल तक एमआरआई मशीन के लिए फंड उपलब्ध कराया लेकिन किसी भी कंपनी ने टेंडर में रुचि नहीं दिखाई। जिसके चलते एमआरआई की मशीन नहीं खरीदी जा सकी। मुश्रीफ ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि एक-दो साल में ऐसी स्थिति राज्य भर में तैयार की जाए जिससे कि राज्य के मरीजों को निजी अस्पताल में नहीं जाना पड़े। कांग्रेस सदस्य साजिद पठान ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाए कि निजी अस्पतालों की मिली भगत के चलते सरकारी अस्पतालों में एमआरआई मशीनों के लिए टेंडर नहीं निकाला जा रहा है। पठान ने कहा कि अगर 8 साल तक एमआरआई की मशीन एक सरकारी अस्पताल में नहीं खरीदी गई तो, इसमें शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अस्पतालों की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि अस्पतालों की हालत ऐसी हो गई है कि अदालत की तारीख जल्द मिल जाती है लेकिन अस्पताल में इलाज की तारीख नहीं मिलती। नार्वेकर ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री को बजट सत्र समाप्त होने से पहले इस मामले में संपूर्ण रिपोर्ट सदन में पेश करने के आदेश दिए हैं।

राज्य के 7 जिलों में पानी में मिला तय सीमा से ज्यादा खतरनाक नाइट्रेट

महाराष्ट्र के सात जिलों में पानी में नाइट्रेट की बढ़ती मात्रा का सवाल राकांपा (शरद) सदस्य रोहित पवार द्वारा विधानसभा में उठाए जाने पर जलापूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील ने कहा कि यह सच है कि वर्धा, बुलढाणा, अमरावती, नांदेड़, बीड, जलगांव और यवतमाल में रासायनिक जांच के लिए गए पानी के नमूने में नाइट्रेट की मात्रा तय मात्रा से ज्यादा मिली है। हालांकि इससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता इस तरह की कोई भी जानकारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार की जांच रिपोर्ट में सामने नहीं आई है। सदस्य रोहित पवार ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार की वार्षिक पानी गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सात जिलों में पानी में नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा मिली है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।

पाटील ने कहा कि राज्य सरकार की जांच में यह सामने आया है कि जिन जिलों में पानी में तय मात्रा से ज्यादा नाइट्रेट मिला है, वहां पर किसान अपनी फसलों के लिए ज्यादा यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसका असर पानी के नमूनों पर पड़ रहा है। पाटील ने कहा कि हालांकि जहां जहां नमूने लिए गए हैं, वहां पर इस पानी का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर कोई गंभीर परिणाम नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कृषि विभाग के साथ-साथ जलापूर्ति और अन्न एवं औषधि विभाग को एक साथ मिलकर जागरूकता करने की जरुरत है। इसके साथ ही इन जिलों में कम से कम साल में दो बार पानी के नमूने लेकर जांच की जरूरत है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नांदेड़ में 3,877 नमूने पानी के लिए गए, जिसमें से एक 2,190 नमूनों में नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा मिली है। जबकि बीड में 5,219 नमूनों में से सिर्फ एक में नाइट्रेट की संख्या तय मात्रा से ज्यादा मिली है। हालांकि इस चर्चा के दौरान गुलाबराव पाटील और सदस्य आदित्य ठाकरे के बीच कुछ तू तू मैं मैं भी हुई, जिसे बाद में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रिकॉर्ड से निकालने के आदेश दिए।

Created On :   5 March 2025 9:05 PM IST

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