हाईकोर्ट: रिश्वतखोरी मामले में मुंबई के सहायक आयकर आयुक्त रहे राजीव कुमार हुए बरी

रिश्वतखोरी मामले में मुंबई के सहायक आयकर आयुक्त रहे राजीव कुमार हुए बरी
  • राजीव कुमार को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया, 15 साल बाद रिश्वत लेने के मामले में दोषमुक्त
  • मुंबई के सहायक आयकर आयुक्त रहे थे
  • विशेष अदालत ने राजीव कुमार को सुनाई थी 5 साल की कारावास की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आयकर विभाग मुंबई में सहायक आयकर आयुक्त रहे राजीव कुमार को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। उन्हें विशेष सीबीआई अदालत ने 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा भी सुनाई थी। इस फैसले को राजीव कुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते (एसीबी) ने मार्च 1998 में राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। उन्हें राजू मनवानी नामक व्यक्ति से आयकर में छूट देने की एवजमें एकलाख रुपए की रिश्वत मांगने और 25 हजार रुपए स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया था।

अदालत ने उन्हें 22 दिसंबर 2012 के विशेष सीबीआई अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में सुनाई गई 5 साल की कारावास की सजा को रद्द कर दिया है। इस तरह वह 15 साल बाद रिश्वत लेने के मामले में दोष मुक्त हो गए हैं। न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकलपीठ के समक्ष राजीव कुमार की दायर याचिका को स्वीकार करते हुए अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा याचिकाकर्ता को पहले ही 75 हजार रुपए का भुगतान किया गया था। जब यह राशि अभियुक्त की अलमारी से बरामद की गई थी, तब वहां अन्य बड़ी राशि भी मिली थी। केवल एक पैकेट में राशि की बरामदगी से यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि यह रिश्वत के रूप से स्वीकार की गई थी। जब अभियोजन पक्ष आयकर निर्धारण में पक्ष दिखाने के लिए रिश्वत के रूप में राशि की मांग को साबित करने में विफल रहा है। पीठ ने माना कि शिकायतकर्ता ने रिश्वत की मांग के बाद देरी से शिकायत की और वह भी तब जब उसने मार्च 1998 के पहले सप्ताह में ही रिश्वत की राशि 75 हजार रुपए का भुगतान किया था। सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते (एसीबी) ने मार्च 1998 में राजीव कुमार को अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राजू मनवानी नामक व्यक्ति से आयकर में छूट देने के लिए 1 लाख रुपए की रिश्वत की मांगने और 25 हजार रुपए स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया था। विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें 5 साल की कारावास की सजा सुनाई थी। उन्होंने विशेष अदालत के फैसले के हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

Created On :   28 Jun 2024 4:25 PM GMT

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