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Mumbai News: स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण का दूसरा चरण, खुले में शौच से मुक्त हुए महाराष्ट्र के लगभग 91% गांव
- राज्य में हैं कुल 40 हजार 276 गांव
- 36 हजार 692 गांव ओडीएफ प्लस घोषित
- बाकी 3,584 गांवों को दिसंबर तक ओडीएफ प्लस बनाने का लक्ष्य
Mumbai News : अमित कुमार। केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-दो के तहत महाराष्ट्र मंस लगभग 91 प्रतिशत गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ प्लस) हो गए हैं। राज्य में कुल 40 हजार 276 गांव हैं। इनमें 36 हजार 692 गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया गया है। बचे हुए 3 हजार 584 गांवों को दिसंबर तक ओडीएफ प्लस बनाने का लक्ष्य है। जबकि राज्य में 21 हजार 592 ओडीएफ प्लस मॉडल गांव बन गए हैं। वहीं बचे हुए 18 हजार 684 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव बनाने की चुनौती सरकार के सामने है। मंगलवार को राज्य के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि जो गांव ओडीएफ वाली स्थिति बनाए हुए हैं, ऐसे गांवों में ठोस अथवा तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है। ऐसे गांव को ओडीएफ प्लस घोषित किया जाता है। ओडीएफ प्लस मॉडल गांव ऐसे गांवों को कहा जाता है, जिन गांवों ने ओडीएफ की स्थिति को बनाए रखा है। साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है। इसके अलावा इन गांवों में कम से कम कचरा और अपशिष्ट जल जमा होता है। इसके तहत राज्य में 21 हजार 592 ग्राम ओडीएफ प्लस मॉडल गांव के रूप में स्थापित हुए हैं। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के तहत महाराष्ट्र में 10 अक्टूबर 2021 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-दो लागू है।
ओडीएफ प्लस घोषित गांव
ओडीएफ प्लस गांव: 36,692
बचे हुए गांव: 3,584
कुल गांव: 40,276
ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित गांव
ओडीएफ प्लस मॉडल गांव: 21,692
बचे हुए गांव: 18,684
कुल गांव: 40,276
6.57 लाख व्यक्तिगत शौचालय बने
स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिन लोगों के घर में शौचालय नहीं है, ऐसे लाभार्थी परिवारों को शौचालय बनाने के लिए प्रति परिवार 12 हजार रुपए प्रोत्साहन अनुदान दिया जाता है। इसके तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में 6 लाख 90 हजार 116 व्यक्तिगत शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 6 लाख 57 हजार 785 शौचालय बनाए जा चुके हैं जबकि 32 हजार 331 शौचालय बनाए जा रहे हैं।
12.53 हजार सार्वजनिक शौचालय
राज्य के जिन ग्राम पंचायत, प्राथमिक स्कूल, आंगनवाड़ियों और सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय नहीं है, ऐसी जगह पर सामूहिक अथवा सार्वजनिक शौचलाय के निर्माण के लिए 3 लाख रुपए प्रदान किए जाते हैं। इसके तहत राज्य में 22,812 सार्वजनिक शौचालय बनाने की योजना तैयार की गई थी। इनमें से 12,533 सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं जबकि 10,279 सार्वजनिक शौचालय निर्माणधीन हैं।
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन परियोजना
इस अभियान के तहत राज्य के सभी गांवों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए योजना बनाई गई है। प्रत्येक तहसील में एक प्लास्टिक प्रबंधन कक्ष तैयार करने के लिए प्रति तहसील 16 लाख रुपए दिए जाते हैं। राज्य की 351 तहसीलों में तहसील और समूह स्तर पर 289 प्लास्टिक कचरा प्रबंधन परियोजना स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 63 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं जबकि 165 का काम चल रहा है।
Created On :   1 Oct 2024 8:13 PM IST