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Mumbai News: रायगड डीपीडीसी की बैठक में शिंदे गुट के विधायक नहीं हुए शामिल
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- पालकमंत्री पद को लेकर युति के तीनों दलों में चल रहा है कोल्ड वॉर
- शिंदे गुट के विधायक नहीं हुए शामिल
Mumbai News. महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को बंपर बहुमत मिला था, लेकिन युति के तीन दलों की सरकार के गठन होने के बाद से ही आपस में कोल्ड वॉर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कई दिनों से रायगड और नाशिक के पालकमंत्री पद को लेकर तीनों ही दल आमने-सामने हैं। मंगलवार को इस मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया जब राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार ने रायगड की जिला नियोजन समिति की बैठक बुलाई। इस बैठक में शिवसेना (शिंदे) का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार महाराष्ट्र की सरकार के तीनों दलों में समन्वय क्यों नहीं बन पा रहा है। शिंदे गुट के दो विधायकों ने जहां इस बैठक की जानकारी नहीं होने की बात बताई है, वहीं मंत्री भरत गोगावले ने बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा कि वह पहले से निर्धारित कार्यक्रम के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हुए। हालांकि इस बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे जरूर शामिल हुईं।
दरअसल अजित पवार हर जिले के पालकमंत्री और वहां के मौजूदा विधायकों के साथ जिला नियोजन की बैठक कर बजट की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। वैसे रायगड जिले की जिला नियोजन बैठक सोमवार को होनी थी, लेकिन किन्हीं कारणों की वजह से स्थगित हो गई। जब मंगलवार को अजित ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक की शुरुआत की तो इस बैठक में शिंदे गुट का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ। रायगड जिले के पालकमंत्री पद की मांग करने वाले मंत्री भरत गोगावले ने कहा वह इस बैठक में अपने क्षेत्र की एक जरूरी बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। वहीं शिंदे गुट के कर्जत के विधायक महेंद्र थोरवे और अलीबाग के विधायक महेंद्र दलवी ने बताया कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में हमें बगैर बताए ही रायगड जिला नियोजन की बैठक का आयोजन किया गया। हालांकि अजित पवार के कार्यालय से विधायकों को जानकारी न देने के सवाल पर कहा गया कि सोमवार को इस बैठक की जानकारी सभी विधायकों को दे दी गई थी। इस बैठक में राकांपा (अजित) नेता और महिला एवं बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे जरूर शामिल हुईं।
क्यों बढ़ रहा है पालकमंत्री को लेकर तनाव
रायगड जिले में शिवसेना (शिंदे) का दबदबा माना जाता है। यही कारण है कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रायगड के पालकमंत्री का पद अपनी पार्टी के मंत्री भारत गोगावले को दिए जाने की मांग कर रहे हैं। पिछले महीने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावोस दौरे से ठीक पहले अजित गुट की आदिति तटकरे को रायगड का पालकमंत्री बना दिया गया था। जिस पर शिंदे ने नाराजगी जताई थी। हालांकि कुछ ही घंटे के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने रायगड और नाशिक के पालकमंत्रियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। हालांकि दोनों ही जिलों के पालकमंत्री मंत्री पद को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है।
पालकमंत्री पद को लेकर जल्द फैसला हो- गोगावले
शिंदे गुट के नेता और मंत्री भरत गोगावले का कहना है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दावोस दौरे से लौटे हुए काफी समय हो गया है। ऐसे में रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर जल्द फैसला होना चाहिए। गोगावले ने कहा कि रायगड के पालकमंत्री पद पर रोक लगी हुई है, इसके चलते जनता से जुड़े हुए विकास कार्य पिछड़ते जा रहे हैं।
Created On :   11 Feb 2025 10:22 PM IST