Mumbai News: सरकारी कर्मियों के वेतन देने मुंबई बैंक में खाता खोलने को मंजूरी, किसानों को वापस मिलेगी 4 हजार एकड़ जमीन

सरकारी कर्मियों के वेतन देने मुंबई बैंक में खाता खोलने को मंजूरी, किसानों को वापस मिलेगी 4 हजार एकड़ जमीन
  • वेबसाइट से हटा लिया था जमीन देने का शासनादेश
  • शिक्षकों का बैंक खाता खोलने हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
  • मंत्रिमंडल ने संशोधन विधेयक पेश करने को दी मंजूरी

Mumbai News. प्रदेश की महायुति सरकार मुंबई जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (मुंबई बैंक) पर एक बार फिर मेरहबान नजर आ रही है। राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का वेतन और भत्ता प्रदान करने के लिए मुंबई बैंक में खाता खोलने को मंजूरी दी है। साथ ही राज्य के सरकारी महामंडलों, सार्वजनिक उपक्रमों को अतिरिक्त निधि के निवेश के लिए मुंबई बैंक में खाता खोलने को स्वीकृति प्रदान की है। भाजपा के विधान परिषद सदस्य प्रवीण दरेकर मुंबई बैंक के अध्यक्ष हैं। वे मुख्यमंत्री के करीबी भी माने जाते हैं। मंत्रिमंडल ने साल 2024-25 के लिए मुंबई बैंक में सरकारी कर्मियों के वेतन और भत्ता प्रदान के लिए संबंधित आहरण व संवितरण अधिकारियों को बैंक खाता खोलने को मान्यता दी है। इसके अलावा पेंशन धारकों का व्यक्तिगत बैंक खाता खोलने और सरकारी महामंडलों और उपक्रमों के अतिरिक्त निधि का निवेश मुंबई बैंक में करने के लिए प्राधिकृत किया है।

वेबसाइट से हटा लिया था जमीन देने का शासनादेश

इसके पहले पूर्व में राज्य की शिंदे सरकार ने 29 जुलाई 2024 को मुंबई बैंक को गोरेगांव में सहकार भवन बनाने के लिए चिकित्सा महाविद्यालय का तीन एकड़ जमीन देने का फैसला लिया था। लेकिन विपक्ष की आलोचना और विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने जमीन आवंटन का शासनादेश 29 जुलाई 2024 को ही देर शाम तक वेबसाइट पर से हटा लिया था।

शिक्षकों का बैंक खाता खोलने हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

पूर्व की भाजपा सरकार ने मुंबई के सरकारी और अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों का वेतन उपलब्ध कराने के लिए मुंबई बैंक में खाता खोलने का आदेश जारी किया था। उस समय प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री विनोद तावडे थे। जिसके बाद विधान परिषद के शिक्षक विधायकों और शिक्षकों के एक बड़े तबके ने इसका विरोध किया था। शिक्षक भारती संगठन की याचिका पर बाम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई बैंक में खाता खोलने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था।

किसानों को वापस मिलेगी 4 हजार एकड़ जमीन

राज्य मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र जमीन संहिता 1966 की धारा में 220 में संशोधन करने को मंजूरी दी है। इस संशोधन से सरकारी बकाया जमा न करने के कारण नीलाम होने के बाद सरकार के पास जमा लगभग 4 हजार 849 एकड़ आकारी पड जमीन वापस किसानों को मिल सकेगी। आकारी पड खेती की वह जमीन होती है जो खेती के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती है लेकिन फिलहाल राजस्व बकाया होने के कारण फिलहाल इस जमीन का किसान उपयोग नहीं कर पा रहे हैं और सरकार ने नीलामी के जरिए इस जमीन को अपने कब्जे में लिया है। लेकिन सरकार के नए फैसले से छोटे और अल्प भूधारक किसानों को राहत मिल सकेगी। अब ऐसी जमीन के प्रचलित बाजार मूल्य की 25 प्रतिशत राशि वसूल करके मूल खाताधाराक अथवा उसके वारिस को वापस की जाएगी। इसके लिए जमीन संशोधन संहिता में संशोधन संबंधित विधेयक विधानमंडल के बजट अधिवेशन में पेश किया जाएगा।

किसान अपने नाम पर कर सकेंगे जमीन

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा आकारी पड महाराष्ट्र में जमीन का एक प्रकार है। पुराने समय राजस्व जमा नहीं करने के कारण इन जमीनों को सरकार ने अपने नाम पर कर लिया था। आकारी पड वर्ग-2 की जमीन है। मंत्रिमंडल के फैसले से किसान इन जमीनों को वर्ग-1 में रुपांतरित कर सकेंगे।



Created On :   2 Jan 2025 9:26 PM IST

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