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Mumbai News: साइबर फ्रॉड की जांच में लापरवाही बरतने मुंबई पुलिस को हाई कोर्ट की फटकार

- अदालत ने डीसीपी को किया तलब
- 2 लाख रुपए आरटीजीएस से भेजना होगा
Mumbai News बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुजुर्ग महिला के साथ हुए 32 लाख रुपए के साइबर फ्रॉड की जांच में लापरवाही बरतने को लेकर मुंबई पुलिस को फटकार लगाई है। जालसाजों ने वाट्सएप मैसेज भेजकर डिजिटल अरेस्ट की धमकी देकर महिला को धोखाधड़ी का शिकार बनाया। अदालत ने इस मामले में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को तलब किया है। 19 मार्च को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। हाई कोर्ट की पीठ के समक्ष 71 वर्षीय लीला पार्थसारथी की ओर से वकील निखिल डागा की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती। यदि वह समय पर मामला दर्ज कर जांच करती, तो याचिकाकर्ता की ट्रांसफर की गई रकम बैंक खातों से निकाले जाने से पहले ही फ्रीज किया जा सकता था।
जांच के बहाने ठगी : याचिकाकर्ता के वकील निखिल डागा ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता को 15 जुलाई 2024 को उनके वाट्सएप पर मैसेज आया था,जिसमें कहा गया कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है। उन्हें धोखाधड़ी के मामले में डिजिटल अरेस्ट किया जा सकता है। यदि वह गिरफ्तारी से बचना चाहती हैं, तो उन्हें 2 लाख रुपए आरटीजीएस से भेजना होगा। इसके बाद अलग-अलग तारीखों में महिला से 32 लाख रुपए ठगों ने ट्रांसफर करा लिये।
शिकायत दर्ज करने में आनाकानी : अपने साथ हुई ठगी को लेकर जब महिला गोवंडी के छत्रपति शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन गई तो पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। आखिरकार काफी प्रयास से 24 दिन बाद पुलिस ने 21 अगस्त को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की।जिसमें पुलिस को धोखाधड़ी में ट्रांसफर हुए 3 लाख 13 हजार 955 रुपए एक बैंक अकाउंट में फ्रीज करने में कामयाबी मिली।
Created On :   7 March 2025 4:10 PM IST