Mumbai News: राऊत बोले - एकनाथ शिंदे को अंदेशा, फोन टेप हो रहा है, विनायक ने कहा - महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी हो सकता है

राऊत बोले - एकनाथ शिंदे को अंदेशा, फोन टेप हो रहा है, विनायक ने कहा - महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी हो सकता है
  • फडणवीस-शिंदे के बीच मतभेद से महाराष्ट्र का विकास प्रभावित हुआ
  • महाराष्ट्र की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है- विनायक राऊत
  • महायुति की सरकार आने में एकनाथ शिंदे का है हाथ- प्रकाश आबिटकर

Mumbai News. शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संबंध खराब हो गए हैं।राऊत ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दोनों ही नेताओं के बीच तनावपूर्ण संबंधों के चलते राज्य की प्रगति में बाधा पड़ने लगी है। विधानसभा चुनाव के बाद दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज शिंदे इसीलिए बार-बार गांव चले जाते हैं। राऊत ने दावा किया कि शिंदे के एक विधायक ने उन्हें बताया कि अब उन्हें (शिंदे) अंदेशा है कि उनके साथ-साथ उनके विधायकों के भी फोन टेप किए जा रहे हैं। राऊत ने रविवार को दावा किया कि शिंदे अभी तक इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पाए हैं कि नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद दोबारा क्यों नहीं दिया गया। वह इस पद को फिर से हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। राऊत का कहना है कि फडणवीस इससे अच्छी तरह से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीट जीती थीं। राऊत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हालात इतने खराब हो गए हैं कि दोनों में अब कोई बातचीत नहीं होती। यह अब जनता के लिए मनोरंजन का विषय बन गया है।

खींचतान बढ़ने का दावा

राउत ने कहा है कि दोनों सहयोगी दलों के बीच खींचतान इतनी हो गई है कि शिंदे के गृह जिले में भाजपा नेता और मंत्री गणेश नाईक जनता दरबार लगा रहे हैं। राऊत ने कहा कि उन्हें शिंदे के एक विधायक ने बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिंदे को आश्वासन दिया था कि साल 2024 का विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और वे (शिंदे) मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसी के चलते शिंदे ने चुनाव प्रचार में काफी धन खर्च किया लेकिन जब समय आया तो शाह ने कथित तौर पर अपना वादा नहीं निभाया। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसियां उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। राऊत ने यह भी कहा कि शिंदे की तुलना में उपमुख्यमंत्री अजित पवार अधिक मजबूत स्थिति में हैं।

शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित नहीं

गृह राज्य मंत्री एवं शिवसेना (शिंदे) विधायक योगेश कदम ने राऊत के बयान पर कहा कि उन्हें मालूम नहीं है कि उनके पास ये आकाशवाणी कहां से आई है। कदम ने कहा कि जहां तक मैं एकनाथ शिंदे को जानता हूं, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि शिंदे मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित नहीं हैं। राऊत को अपनी दुकान चलाने के लिए इस तरह की बयानबाजी करनी पड़ती है। वहीं भाजपा सांसद नारायण राणे ने कहा कि संजय राऊत हर रोज झूठी खबर मीडिया के जरिए फैलाने का काम कर रहे हैं। राणे ने कहा कि उनके बयान को ज्यादा महत्व देने की जरुरत नहीं है।

महाराष्ट्र की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है- विनायक राऊत

प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के उस बयान पर राजनीति तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने शिवसेना के दोनों धड़ों के एक साथ आने की बात कही थी। शिरसाट के बयान पर शिवसेना (उद्धव) पूर्व सांसद विनायक राऊत ने कहा है कि आज की महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी हो सकता है। राऊत ने कहा कि हालिया राजनीति के बारे में कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता। वहीं कांग्रेस ने शिंदे गुट पर तंज कसते हुए कहा कि महायुति के दलों में शिंदे गुट के नेता बैकफुट पर आ गए हैं। यही कारण है कि उन्हें असली शिवसेना की याद आने लगी है। गौरतलब है कि शनिवार को शिरसाट ने यह कहते हुए खलबली मचा दी थी कि शिवसेना के दोनों गुटों को अब जोड़ने का समय आ गया है। हालांकि शिंदे गुट प्रमुख एकनाथ शिंदे की नाराजगी के बाद शिरसाट अपने बयान से पलट गए थे।

उद्धव गुट नेता विनायक राऊत ने कहा कि उन्होंने भी संजय शिरसाट का बयान सुना है। उन्होंने कहा कि भले ही इस तरह के बयान के कोई मायने नहीं हैं, लेकिन मैं इतना जरुर कहना चाहता हूं कि महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरणों को देखकर कहा जा सकता है कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। विनायक राऊत ने कहा कि मौजूदा हालात इतने नाजुक हो गए हैं कि कोई भी यह भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि आगे क्या होने वाला है। उधर प्रदेश कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि शिवसेना (शिंदे) के नेताओं के हालातों पर हमें अफसोस होता है। लोंढे ने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने शिंदे को किनारे करने का फैसला किया है, उसी को देखते हुए अब शिंदे गुट के नेताओं को असली शिवसेना की याद आने लगी है। लेकिन मैं इतना बताना चाहता हूं कि उद्धव ठाकरे कभी भी इन्हें (शिंदे को) अपने साथ नहीं लेंगे।

उधर भाजपा नेता प्रसाद लाड ने कहा कि राजनीति में इस तरह की बयानबाजी होती रहती है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि संजय राऊत ने भी भाजपा को लेकर बयान दिया था। लेकिन उद्धव गुट को भाजपा कभी भी नजदीक नहीं आने देगी। लाड ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर चला गया है। जिस तरह से उद्धव गुट के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ऊपर टिप्पणी की हैं, उसको देखकर लगता है कि कभी भी भाजपा और उद्धव साथ नहीं आएंगे। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों शिरसाट के बयान को उद्धव ठाकरे और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटील के बीच हुई मुलाकात के बाद नजदीकियों की खबर आने के बदले में देख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा हाल फिलहाल में कुछ होने वाला नहीं है।

महायुति की सरकार आने में एकनाथ शिंदे का है हाथ- प्रकाश आबिटकर

शिवसेना (शिंदे) नेता एवं राज्य सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा है कि राज्य में महायुति की दोबारा से सरकार आने में शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे का भी हाथ है। आबिटकर ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव लड़ा गया था और जिस तरह से महायुति को बहुमत मिला, उसमें मुख्यमंत्री के तौर पर रहे शिंदे ने बहुत कार्य किए थे। जिसके चलते राज्य की जनता ने एक बार फिर से महायुति को बहुमत दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना का असर इतना हुआ की लाडली बहनों ने विपक्ष को 50 से भी कम सीटों पर समेट दिया और इस सबका श्रेय एकनाथ शिंदे को जाता है।



Created On :   2 Feb 2025 9:35 PM IST

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