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Mumbai News: प्रेमी को आत्महत्या के उकसाने के मामले में महिला बॉम्बे हाईकोर्ट से निर्दोष बरी
- याचिकाकर्ता महिला पर व्यक्ति पर शादी के लिए दबाव डालने
- निजी तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करने की धमकी देने का आरोप
- अदालत ने महिला के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के आदेश को किया रद्द
Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रेमी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में एक महिला निर्दोष बरी दी। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया न तो रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री उपलब्ध है, जो यह मानती हो कि याचिकाकर्ता के खिलाफ धारा 306 आईपीसी के तहत दंडनीय कोई अपराध करने का गंभीर संदेह है और न ही याचिकाकर्ता द्वारा मृतक को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के लिए आईपीसी की धारा 107 के तत्व वर्तमान मामले में मौजूद हैं। अभियोजन पक्ष द्वारा ऐसा कोई मामला दूर से भी नहीं बनाया गया है। अदालत ने महिला के खिलाफ ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की एकलपीठ के समक्ष सुष्मिता लालचंद यादव की ओर से वकील अंजनी कुमार सिंह की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया। पीठ ने कहा कि किसी भी निश्चित प्रकृति की कोई ठोस सामग्री रिकॉर्ड पर न होने के कारण प्रथम दृष्टया भी मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने, धमकी देने या उकसाने में याचिकाकर्ता की भूमिका को उजागर करती हो। इसलिए ट्रायल कोर्ट आदेश टिकने योग्य नहीं है। याचिकाकर्ता के खिलाफ रिकॉर्ड पर प्रथम दृष्टया सबूत तो बिल्कुल भी नहीं हैं। इसलिए उसे मामले से बरी किया जाता है।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि 26 फरवरी 2021 को मृतक ने अपने व्हाट्सएप चैट में उल्लेख किया था कि वह दुखी और उदास है। जब याचिकाकर्ता ने उसे शांत करने का प्रयास किया, तो वह अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया। जब 27 फरवरी 2021 को व्यक्ति की पत्नी पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए जोधपुर गई थी, तो उसने पनवेल स्थित अपने घर के बेडरूम में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। उसकी पत्नी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराई थी।
Created On :   29 Nov 2024 11:50 AM IST