Mumbai News: पानसरे हत्याकांड की जांच की निगरानी के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित

पानसरे हत्याकांड की जांच की निगरानी के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित
  • याचिका पर हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित
  • गोविंद पानसरे हत्याकांड की जांच की निगरानी के खिलाफ दायर याचिका
  • अदालत को मामले में व्यापक साजिश का नहीं मिला कोई सबूत

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2015 के गोविंद पानसरे हत्या की जांच की निगरानी के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। पिछले दिनों अदालत ने कहा था कि इस मामले में अब और जांच की जरूरत नहीं है। जबकि मामले की जांच कर रहे आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने कहा कि उसने मामले की गहन जांच की है। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ समक्ष सनातन संस्था के डा.विरेंद्र सिंह तावडे की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पानसरे परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने दलील दी कि गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, गौरी लंकेश और कलपुर्गी की हत्या के तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। चारो मामलों में साजिश करता और हत्यारे एक हो सकते हैं, क्योंकि उनकी मोड्स ऑपरेंडी एक ही है। पानसरे की हत्या में दो आरोपी अभी भी फरार हैं। ऐसे में हाई कोर्ट की निगरानी में ही मामले की आगे की जांच की जानी चाहिए। जबकि याचिकाकर्ता के वकील सुभाष झा ने दलील दी कि इस मामले में निगरानी की अनावश्यक नहीं है, क्योंकि मुकदमा पहले से ही चल रहा है। सरकारी वकील ने कहा कि एटीएस मामले की जांच कर रही है। 28 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। दो फरार आरोपियों की खोजबीन की जा रही है। पीठ ने सरकारी वकील समेत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रखा है।

गोविंद पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में दो हमलावरों ने गोली मार दी थी और चार दिन बाद मुंबई के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। शुरू में मामले की जांच सीआईडी की गठित एसआईटी को सौंपी गई थी, बाद में पानसरे परिवार की दायर याचिका में मामले की जांच एटीएस को सौंपने की मांग की गई।

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Created On :   16 Dec 2024 10:17 PM IST

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