Mumbai News: जीबीएस मरीजों के इलाज के लिए अब सरकारी अस्पातलों में होगी विशेष व्यवस्था

जीबीएस मरीजों के इलाज के लिए अब सरकारी अस्पातलों में होगी विशेष व्यवस्था
  • महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना में बीमारी का होगा समावेश
  • मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंत्रिमंडल बैठक में दिए निर्देश

Mumbai News. प्रदेश में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मरीजों के उपचार के लिए सरकारी अस्पातलों में विशेष व्यवस्था निर्माण की जाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में निर्देश दिए हैं। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीबीएस बीमारी के बारे में प्रेजेंटेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि फिलहाल जीबीएस के मरीजों का इलाज शुरू है। लेकिन इस बीमारी के मरीजों को उचित तरीके से इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था तैयार की जाए। इस बीमारी को महात्मा ज्योतिबा फुले जन स्वास्थ्य योजना में शामिल किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रक्रिया पूरी करें। जीबीएस के मरीजों का इलाज महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के जरिए हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीबीएस की बीमारी दूषित पानी, भोजन न पकाने और मांस खाने से होती है। इसलिए इस प्रकार के भोजन को टालना चाहिए। नागरिकों को गरम पानी पीना चाहिए।

पुणे में मैच के लिए पानी की उचित व्यवस्था करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुणे में 31 जनवरी को आयोजित क्रिकेट मैच के दौरान पीने के पानी के लिए उचित व्यवस्था की जाए।

पुणे में मरीजों के इलाज अस्पताल चिन्हित

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि पुणे शहर के जीबीएस मरीजों का इलाज के लिए उचित निर्देश दिए गए हैं। पुणे मनपा क्षेत्र के मरीजों का इलाज कमला नेहरू अस्पताल और पिंपरी-चिंचवड मनपा के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में उपचार हो सकेगा।

जीबीएस के लिए बनेगी एसओपी

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि जीबीएस बीमारी के नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग, राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग, राज्य के नगर विकास विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अफसर मिलकर एसओपी तैयार करेंगे। आबिटकर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि नांदेड़ के कई तहसीलों में टैंकरों से जलापूर्ति होती है। टैंकरों का दूषित पानी पीने के कारण जीबीएस के मरीज बढ़ रहे हैं। इसलिए लोगों को गर्म पानी पीना चाहिए। आबिटकर ने कहा कि जीबीएस की बीमारी से लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय लोगों को सतर्क रहना चाहिए।

पुणे में नागरिकों की जांच

बीते दिनों सोलापुर में जीबीएस से पीड़ित एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस पर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि जीबीएस के कारण ही संबंधित मरीज की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पुणे में फिलहाल 111 मरीज हैं। जिसमें से 80 मरीज पांच किमी के परिधि में हैं। राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की मदद से 35 हजार घरों और 94 हजार नागरिकों की जांच की गई है।

बुलडाणा में बाल झड़ने के नए मामले नहीं

मंत्रिमंडल बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बुलढाणा में लोगों के बाल झड़ने की समस्या नियंत्रण में आ गई है। फिलहाल नए मरीज नहीं मिल रहे हैं। इस बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से रिपोर्ट मिलने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।


Created On :   28 Jan 2025 9:02 PM IST

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