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Mumbai News: मिड-डे मील धोखाधड़ी मामले में पूर्व स्कूल प्रिंसिपल को अग्रिम जमानत नहीं

- पूर्व प्रिंसिपल राधा नारायण पर कोरोना के दौरान अपने कार्यकाल में 5 लाख खाद्यान्न के दुरुपयोग का आरोप
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूर्व स्कूल प्रिंसिपल को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मिड-डे मील धोखाधड़ी मामले में पूर्व स्कूल प्रिंसिपल राधा नारायण को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन पर कोरोना के दौरान अपने कार्यकाल में मिड-डे मील के खाद्यान्न में 5 लाख रुपए का दुरुपयोग करने का आरोप है। अदालत ने इस मामले के तथ्यों को उजागर करने के लिए आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता पर जोर दिया।
न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की एकलपीठ के समक्ष पूर्व स्कूल प्रिंसिपल राधा नारायण की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने मिड-डे मील योजना के लिए आवंटित खाद्यान्न के दुरुपयोग के आरोप में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता के बचाव में विसंगतियों की ओर इशारा किया, जिसमें दावा किया गया कि स्कूल परिसर में जलभराव के कारण अनाज नष्ट हो गया था। उन पर अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 5 लाख रुपए के खाद्यान्न का दुरुपयोग करने का आरोप है। कोविड-19 महामारी के दौरान छात्रों के लिए पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए थे। ये अनाज कथित तौर पर छात्रों को वितरित नहीं किए गए थे।
पीठ ने कथित नुकसान के बारे में किसी भी फोटोग्राफिक साक्ष्य या संबंधित अधिकारियों के साथ संचार की कमी पर प्रकाश डाला, जिससे उनके स्पष्टीकरण की प्रामाणिकता पर संदेह हुआ। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रधानाचार्य ने अपने स्पष्टीकरण में पारदर्शिता या सच्चाई नहीं दिखाई है। जो प्रस्तुत किया जा रहा है, उससे कहीं अधिक गंभीर मुद्दा प्रतीत होता है।। पीठ ने नारायण की कथित जल क्षति से बचने के लिए अनाज को ऊपरी मंजिल पर संग्रहित करने जैसे निवारक उपाय न करने की भी आलोचना की।
नारायण द्वारा 5 लाख रुपए चुकाने की पेशकश से सहमत नहीं थी, जिसमें कहा गया था कि वित्तीय मुआवजा उसे कथित आरोपों से मुक्त नहीं करता है। पीठ ने कहा कि यह अदालत अभियुक्तों से भुगतान के माध्यम से सरकार के घाटे का निपटान करने का स्थान नहीं है। शिकायत के अनुसार, मार्च 2021 में स्कूल को बड़ी मात्रा में चना और मसूर दाल मिली, जिसमें से केवल एक हिस्सा छात्रों को वितरित किया गया, जिससे काफी मात्रा में दाल का हिसाब नहीं मिल पाया।
Created On :   28 March 2025 9:05 PM IST