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बॉम्बे हाईकोर्ट: अवैध होर्डिंग को नियंत्रत करें महानगर पालिकाएं, वानखेडे ने महिला के खिलाफ मानहानि का मामला कराया दर्ज

- अदालत ने अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए याचिकाकर्ता के 10 दिनों देने सुझाव देने और उस पर महानगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं को अमल करने का दिया निर्देश
- वानखेडे ने अंधेरी कोर्ट में एक महिला के खिलाफ मानहानि का मामला किया दर्ज
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को लातूर महानगरपालिका और अंबरनाथ नगरपालिका की तरह सभी महानगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं को अवैध होर्डिंग पर नियंत्रण करने को कहा। साथ ही अदालत ने अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए याचिकाकर्ता के 10 दिनों देने सुझाव देने और उन पर महानगर पालिकाओं एवं नगर पालिकाओं को अमल करने का निर्देश दिया है। 1 मई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम.एस. कार्णिक की पीठ के समक्ष सुस्वराज्य फाउंडेशन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील डॉ.उदय वारुंजीकर ने दलील दी कि राज्य सरकार समेत सभी महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं द्वारा हलफनामा दाखिल कर अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है। इसके बावजूद अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं लग सका है। जहां मुंबई और ठाणे समेत ज्यादातर शहर अवैध होर्डिंग के पटे पड़े हैं, वहीं लातूर महानगर पालिका और अंबरनाथ नगर पालिका को अवैध होर्डिंग और पोस्टर लगाने पर पूरी तरह नियंत्रण रखने में कामयाबी मिली है। पीठ ने पूछा कि लातूर और अंबरनाथ की तरह दूसरी महानगर पालिकाएं और नगर पालिकाएं अवैध होर्डिंग पर क्यों नहीं नियंत्रण लगा पा रही हैं? राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता वीरेंद्र सराफ ने कहा कि मुंबई समेत ज्यादातर महानगर पालिकाएं और नगर पालिकाएं अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। बीएमसी परमिशन लेने वाली होर्डिंग को क्यूआर कोड जारी किया जा रहा है। इसके अलावा अवैध होर्डिंग लगाने वालों के खिलाफ जुर्माना के साथ मामला दर्ज किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि 2017 के अदालत के विस्तृत आदेश पर अमल किए जाने की जरूरत है। उसके बाद भी अदालत ने समय-समय पर कई दिशा-निर्देश जारी किया, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। इसको लेकर उनके सुझाव हैं, जिसके आधार पर अवैध होर्डिंग पर पूरी तरह से नियंत्रण लगाया जा सकता है। पीठ ने याचिकाकर्ता को 10 दिनों में राज्य सरकार समेत सभी महानगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं पर सुझाव देने और उस पर अमल करने का निर्देश दिया। 1 मई को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।
आईआरएस अधिकारी समीर वानखेडे ने अंधेरी कोर्ट में एक महिला के खिलाफ मानहानि का मामला किया दर्ज
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेडे ने अंधेरी कोर्ट में एक महिला के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह सोशल मीडिया पर झूठे और निराधार आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही है।समीर वानखेड़े के मुताबिक उनके खिलाफ महिला एक्स (ट्विटर) पर भ्रामक और अपुष्ट मैसेज पोस्ट किया है, जिसमें उन्हें बिना किसी सबूत के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले से समीर वानखेडे को जोड़ा गया है। इस तरह की अफवाहों ने न केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव भी दिया है। वानखेडे ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी महिला ने संवैधानिक अधिकारियों और केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ भी निराधार आरोप लगाए हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। वानखेडे की वकील मलिका शिरजादे ने कहा कि हमने इस बदनामी के अभियान को रोकने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई किसी की छवि खराब करने के लिए झूठ फैला सकता है। वानखेडे के खिलाफ सभी आरोप पूरी तरह से झूठी और भ्रामक हैं। मानहानि कानून व्यक्तियों को झूठे आरोपों और चरित्र हनन से बचाने के लिए मौजूद हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले और हमारे मुवक्किल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के सभी प्रयासों को तुरंत रोका जाए। मानहानि के मुकदमे में मुआवजे की मांग की गई है और आरोपी को आगे कोई भी गलत बयान देने से रोकने के लिए तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
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Created On :   26 March 2025 10:25 PM IST