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Mumbai News: उद्धव के कई विधायक और सांसद सभा से रहे नदारद, महामंडल बंटवारे पर जल्द शुरू होगी चर्चा
- सामंत दावोस निवेश के लिए गए या पार्टी तोड़ने- शरद पवार
- सरकार गठन के बाद अब महामंडल बंटवारे पर जल्द शुरू होगी चर्चा
Mumbai News : शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की गुरुवार को मुंबई में हुई सभा से पार्टी के कई सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेता नदारद रहे थे। ठाकरे की सभा से इन नेताओं के गैरहाजिर रहने पर अब शिवसेना (शिंदे) गुट की उस हवा को और बल मिल गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगले कुछ दिनों में उद्धव के चार विधायक और तीन सांसद शिंदे गुट में शामिल होने वाले हैं। ऐसे में ठाकरे के इन विधायकों और सांसदों के सभा में शामिल नहीं रहने पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि उद्धव गुट के सांसद संजय राऊत का कहना है कि उनके विधायक और सांसद कहीं जाने वाले नहीं है। शिंदे के नेता सिर्फ अफवाह फैला रहे हैं। उधर राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार ने शिंदे के मंत्री उदय सामंत पर निशाना साधते हुए कहा कि सामंत दावोस विदेशी निवेश के लिए गए थे, या फिर पार्टी तोड़ने के लिए।
उद्धव ठाकरे की गुरूवार की सभा में जो वर्तमान और पूर्व विधायक एवं सांसद शामिल नहीं हुए उनमें संजय दिना पाटील, ओमराजे निंबालकर, संजय जाधव, संजय देशमुख, नागेश पाटिल आष्टीकर, राजन साल्वी, वैभव नाईक समेत कई नेता हैं। पूर्व विधायक राजन साल्वी से जब पार्टी की मुंबई में हुई सभा में शामिल नहीं होने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं कुछ निजी कार्यों के चलते सभा में शामिल नहीं हुआ। मेरे बारे में जो अफवाह फैलाई जा रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। मैं किसी भी दल में शामिल नहीं होने जा रहा हूं। साल्वी ने कहा कि मेरा इस बात पर ध्यान केंद्रित है कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए।
वहीं उदय सामंत ने शुक्रवार को एक बार फिर दावा करते हुए कहा कि अगले 7 से 8 दिनों में महाराष्ट्र में बड़ी उथल-पुथल होने जा रही है। उन्होंने कहा कि शिंदे गुट में शामिल होने वाले पूर्व विधायकों के साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शनिवार को चर्चा करेंगे। इसके बाद पार्टी में शामिल करने को लेकर फैसला किया जाएगा। इस बीच रत्नागिरी में शुक्रवार को शिंदे गुट उद्धव के करीब 400 कार्यकर्ता शामिल हो गए। जिसमें तालुका प्रमुख से लेकर उपविभाग प्रमुख, विभाग प्रमुख, सरपंच और कार्यकर्ता शामिल हैं। उद्धव गुट को झटका देने के बाद सामंत ने कहा कि यह तो ट्रेलर है, बहुत जल्द फिल्म आने वाली है।
सामंत दावोस निवेश के लिए गए या पार्टी तोड़ने-पवार
शरद पवार ने राज्य के उद्योग मंत्री एवं शिंदे गुट के नेता उदय सामंत पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने सामंत का बयान सुना है, जिसमें उन्होंने उद्धव गुट को तोड़ने की बात कही है। पवार ने कहा कि मैं सामंत से पूछना चाहता हूं कि वह दावोस विदेशी निवेश हासिल करने के लिए गए थे या फिर पार्टी तोड़ने के लिए। पवार ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि उद्धव के नेता बालासाहेब ठाकरे के विचारों को छोड़कर शिंदे के पास जाएंगे।
सरकार गठन के बाद अब महामंडल बंटवारे पर जल्द शुरू होगी चर्चा
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन एवं पालकमंत्री पदों के बंटवारे के बाद अब महायुति के तीनों ही दलों भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) में बहुत जल्द महामंडल का भी बंटवारा होने वाला है। राकांपा (अजित) अध्यक्ष अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दावोस दौरे से लौटने के बाद तीनों ही दलों में महामंडल के बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि महामंडल के बंटवारे के लिए तीनों ही दलों ने अपने-अपने नेताओं की नियुक्ति कर दी है, जो बहुत जल्द इस मामले में बैठक कर चर्चा करेगी। युति के दलों ने महामंडल के बंटवारे का अधिकार चंद्रशेखर बावनकुले, सुनील तटकरे और उदय सामंत को दिया है। महायुति की पिछली सरकार में लगभग ढाई साल तक महामंडल का बंटवारा तीनों दलों में नहीं हो पाया था। जिसको लेकर तीनों ही दलों के नेताओं में नाराजगी भी देखने को मिली थी। लेकिन अब जो नेता मंत्री नहीं बन पाए हैं, उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए बहुत जल्द महामंडल का बंटवारा शुरू होने वाला है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में महामंडल के बंटवारे को लेकर बहुत जल्द बातचीत शुरू होने वाली है। उन्होंने कहा कि उदय सामंत, सुनील तटकरे और चंद्रशेखर बावनकुले को महामंडल के बंटवारे के लिए चर्चा का अधिकार दिया गया है। यह तीनों नेता बैठक कर महामंडल बंटवारे पर चर्चा करेंगे। अजित का कहना है कि मुझे उम्मीद है कि बहुत जल्द इस पर फैसला हो जाएगा।
दरअसल पिछली सरकार में आखिर में कुछ महामंडल का बंटवारा हुआ था, लेकिन उसको लेकर भी कई नेताओं की नाराजगी देखने को मिली थी। खबर है कि महायुति के नेता मुख्यमंत्री फडणवीस के दावोस से लौटने का इंतजार कर रहे हैं। जिसके बाद महामंडल बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछली एकनाथ शिंदे की सरकार में न तो मंत्रिमंडल का विस्तार हो सका था और नहीं महामंडलों को बांटा गया था। जिसको लेकर तीनों ही दलों में इसको लेकर नाराजगी देखने को मिली थी। हालांकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिंदे ने कुछ नेताओं को महामंडल बांट दिए थे।
Created On :   24 Jan 2025 9:12 PM IST