Mumbai News: मंत्रिमंडल विस्तार बना फडणवीस के गले की फांस, कई विधायक हुए नाराज

मंत्रिमंडल विस्तार बना फडणवीस के गले की फांस, कई विधायक हुए नाराज
  • मंत्री नहीं बनाए जाने पर विधायकों में दिख रही है नाराजगी
  • छगन भुजबल बोले जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना
  • कैबिनेट विस्तार पर महायुति में रार

Mumbai News : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कई बड़े नेताओं का पत्ता पता कटने के बाद अब तीनों ही दलों के कई नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोर्चा खोलने वालों में राकांपा (अजित) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने साफ तौर पर मंत्री नहीं बनाए जाने के बाद पार्टी छोड़ने के ही संकेत दे दिए हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार नागपुर में चल रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में नाराजगी के चलते शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे, क्योंकि मुनगंटीवार को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी थी। नाराज नेताओं में भुजबल और मुनगंटीवार के आलावा शिवसेना (शिंदे) विधायक प्रकाश सुर्वे, विजय शिवतारे, दीपक केसरकर, तानाजी सावंत व रवि राणा समेत अन्य विधायक शामिल हैं।

कैबिनेट विस्तार पर महायुति में रार

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में सोमवार सुबह शामिल होने पहुंचे अजित गुट के नेता छगन भुजबल ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी दर्शाते हुए कहा कि उन्हें सात-आठ दिनों पहले मंत्री पद की एवज में राज्यसभा जाने का ऑफर दिया गया था। लेकिन मैंने राज्यसभा जाने के लिए मना कर दिया था। भुजबल ने कहा कि मैंने बैठक में कहा था कि जब मुझे राज्यसभा भेजना ही था तो फिर विधानसभा का चुनाव क्यों लड़ाया गया? मैं राज्यसभा नहीं जा सकता, इसके लिए एक दो वर्ष बाद विचार कर सकता हूं। पत्रकारों द्वारा नाराजगी के सवाल पर भुजबल ने कहा कि हां, मैं नाराज हूं। उन्होंने एक हिंदी गाने की लाइन बोलकर कहने का प्रयास किया कि 'जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना'। भुजबल ने कहा कि वह बुधवार को पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर आखिरी फैसला करेंगे। भुजबल के इस बयान को उनके पार्टी के छोड़ने के तौर पर भी देखा जा रहा है। खबर है कि अजित गुट के अनिल पाटील भी मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार भी अनुपस्थित रहे। हालांकि पार्टी से नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह नाराज नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उन्हें मंत्री पद मिलने के बारे में बताया था। वहीं मुनगंटीवार और भाजपा नेताओं की नाराजगी पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मेरी सुधीर भाऊ से बात हो गई है। पार्टी मुनगंटीवार को विशेष जवाबदारी देने की तैयारी में है, जिसके चलते पार्टी ने मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर उनके नाम पर विचार नहीं किया।

ऐसा नहीं है कि नाराजगी भाजपा और गुट में ही देखने को मिल रही है। शिवसेना (शिंदे) के भी कई नेता मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से नाराज बताए जा रहे हैं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत नागपुर पहुंच गए थे, लेकिन वह अपना सामान लेकर पुणे चले गए। सावंत का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जिसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। वहीं शिंदे गुट के दूसरे नेता विजय शिवतारे ने कहा कि मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है। अगर ढाई साल बाद मुझे मंत्री बनाया जाता है, तब भी मैं मंत्री नहीं बनूंगा। निर्दलीय विधायक रवि राणा भी नाराज बताए जा रहे हैं, जिसके चलते वह विधानसभा का शीतकालीन सत्र छोड़कर अमरावती चले गए हैं। इससे पहले शिंदे गुट के भंडारा से विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने रविवार को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।

विधायकों की नाराजगी से बचने के लिए अजित नहीं पहुंचे सदन

रविवार को फडणवीस कैबिनेट में 39 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिसमें 16 नए चेहरे शामिल किए गए थे। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अजित गुट में हुई नाराजगी के चलते उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा (अजित) प्रमुख अजित पवार सोमवार को विधानसभा की पहले दिन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए। राजनीतिक गलियारों में खबर है कि विधायकों की नाराजगी के चलते अजित सदन नहीं पहुंचे। अजित गुट को सरकार में 9 मंत्री पद मिले हैं।

Created On :   16 Dec 2024 10:08 PM IST

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