Mumbai News: मंत्रालय में प्रवेश के लिए फेस डिटेक्शन तकनीक बनी कर्मचारियों के जी का जंजाल

मंत्रालय में प्रवेश के लिए फेस डिटेक्शन तकनीक बनी कर्मचारियों के जी का जंजाल
  • फेस आईडी मैच नहीं होने से लग रही हैं लंबी-लंबी लाइनें
  • तकनीक बनी कर्मचारियों के जी का जंजाल

Mumbai News. मंत्रालय की सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए मंत्रालय में प्रवेश करने के लिए फेस डिटेक्शन पर आधारित एफआरएस (फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम) तकनीक की शुरुआत करने का फैसला किया है। लेकिन अब यह तकनीक ही मंत्रालय में काम करने वाले कर्मचारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के जी का जंजाल बन गई है। सोमवार को मंत्रालय के सभी प्रवेश द्वारों पर इस तकनीक के लागू होने के चलते लंबी-लंबी लाइन देखने को मिली। जिससे अधिकारियों में नाराजगी देखने को मिली। दरअसल ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सभी कर्मचारियों का मंत्रालय में प्रवेश इसी एफआरएस तकनीक के जरिए करने को कहा गया था। लेकिन अधिकारियों की फेस आईडी मैच नहीं होने के चलते भीड़ बढ़ गई।

राज्य सरकार ने सोमवार से मंत्रालय में प्रवेश के लिए एफआरएस तकनीक लागू करने का फैसला किया था। जिसके चलते कर्मचारियों को फेस आईडी मैच होने के बाद ही मंत्रालय में प्रवेश मिलना था। लेकिन सूत्रों का दावा है कि गृह विभाग ने मैच आईडी का डाटा गेट पर लगे एफआरएस तकनीक में अपडेट नहीं किया। जिसकी वजह से वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विधायक तक गेट पर भीड़ में फंसे रहे। जब मंत्रालय के तीनों गेट पर भीड़ बढ़ती हुई दिखाई दी तो आनन-फानन में तीनों दरवाजों से आई कार्ड के आधार पर अधिकारियों को छोड़ना शुरू किया। इससे अधिकारियों में नाराजगी देखने को मिली।

गृह निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि वैसे इस तरह की तकनीक का मंत्रालय में प्रवेश के लिए इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं है। सुरक्षा कर्मियों को सिर्फ संदिग्धों पर नजर रखने की आवश्यकता है। इस अधिकारी ने कहा कि इस तकनीक के लागू होने से कई सवाल पैदा होते हैं। पहले से ही मंत्रालय में काम करने वाले कर्मचारी आईडी कार्ड के जरिए प्रवेश लेते थे, जबकि आम लोगों को प्रवेश लेने के लिए कड़ी जांच से गुजरना होता था। ऐसे में इस तकनीक के शुरू करने से सिर्फ तांत्रिक अड़चनें ही देखने को मिलेंगी। एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि जब इस तकनीक को सोमवार से शुरू करना था तो पहले मंत्रालय के हर एक कर्मचारी की फेस आईडी को सिस्टम में इंस्टॉल करना था। उसके बाद ही इस तकनीक की शुरुआत करनी थी। अभी भी सैकड़ों ऐसे कर्मचारी हैं जिनकी फेस आईडी सिस्टम में अपलोड नहीं की गई है। जिसकी वजह से हमें पिछले कई दिनों से घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।

सरकार क्यों लाई एफआरएस तकनीक?

मंत्रालय में प्रवेश के लिए फेस डिटेक्शन तकनीक लागू करने से मंत्रालय की सुरक्षा में वृद्धि होने के साथ-साथ पारदर्शिता का हवाला दिया गया है। इस प्रणाली के तहत मंत्रालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी और किसी भी संदिग्ध के प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी। इससे अप्रत्याशित घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। इस तकनीक के लागू करने को लेकर यह भी कहा गया कि मंत्रालय में बेरोकटोक घूमने वाले दलालों पर भी पाबंदी लगाई जा सकेगी।


Created On :   3 Feb 2025 10:30 PM IST

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