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Mumbai News: मैं विधानसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेकर छोड़ना चाहता हूं अध्यक्ष पद- नाना पटोले
- हालिया चुनाव में मिली करारी हार की ली जिम्मेदारी
- नाना पटोले ने खड़गे को भेजा पत्र
- पदमुक्त करने का किया अनुरोध
Mumbai News हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पिछले कुछ चुनावों के मुकाबले सबसे बुरी हार का सामना करना पड़ा। चुनाव में मिली हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ पर पार्टी के कुछ नेताओं ने सही तरीके से चुनाव का समन्वय नहीं करने के आरोप लगाए। अब पटोले ने केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें पदमुक्त करने का अनुरोध किया है। सूत्रों का कहना है कि पटोले ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ईमेल के जरिए पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही है। साथ ही उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भी भंग करने की मांग की है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने महाविकास आघाडी के साथ गठबंधन में राज्य में सबसे अधिक 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन पार्टी को सिर्फ 16 सीटों पर ही जीत मिली थी। लगातार कई वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस का अब तक का यह सबसे खराब प्रदर्शन रहा। यहां तक कि पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले भंडारा जिले की अपनी साकोली विधानसभा सीट से महज 208 वोटों से ही जीते थे। कांग्रेस को मिली हार के बाद पार्टी के कई नेताओं ने उन पर सवाल भी उठाए और उन्हें पद से हटाने की मांग की। इसके बाद पटोले ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को ईमेल के जरिए पत्र लिखकर उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया है। पटोले ने पत्र में लिखा कि मैं विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की जिम्मेदारी खुद लेता हूं एवं अपने पद को छोड़ना चाहता हूं। मुझे जल्द से जल्द पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया जाए। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस की कमेटी को भंग कर नई सिरे से गठित करने की मांग भी पटोले ने की है।
आघाडी में कांग्रेस को मिली थीं सिर्फ 16 सीटें हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महाआघाडी को काफी बड़ा झटका लगा था। 23 नवंबर को घोषित हुए चुनाव के नतीजे में महायुति ने जहां 235 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं महाआघाडी सिर्फ 46 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी जिसने 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 132 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि शिवसेना (शिंदे) ने 57 और राकांपा (अजित) ने 41 सीटों पर जीत हासिल की थी।
पटोले का शानदार रहा है राजनीतिक सफर : नाना पटोले शुरुआत में जिला स्तर पर राजनीति करते थे, लेकिन साल 1999, 2004 और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने। पटोले साल 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर उन्होंने जीत हासिल की। लेकिन इस बीच भाजपा से उनके मतभेद हो गए और उन्होंने साल 2018 में भाजपा से इस्तीफा देकर फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पटोले फिर से विधायक चुने गए और अब कुछ दिनों पहले हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर विधानसभा का चुनाव जीत गए। इसी साल हुए लोकसभा के चुनाव में पटोले ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए पार्टी को 13 सीटों पर जीत दिलाई थी, जिसके बाद वह कांग्रेस आलाकमान के चहेते बन गए, लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद वह विलेन के रूप में देखे जा रहे हैं।
Created On : 13 Dec 2024 2:21 PM