Mumbai News: महाराष्ट्र के कॉलेज में अतिरिक्त सीट के माध्यम से प्रवेश से वंचित एमबीबीएस अभ्यर्थी को दी राहत

महाराष्ट्र के कॉलेज में अतिरिक्त सीट के माध्यम से प्रवेश से वंचित एमबीबीएस अभ्यर्थी को दी राहत
  • जाति प्रमाण पत्र में खामियों के कारण कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के प्रथम वर्ष में प्रवेश देने से किया गया था इनकार
  • अतिरिक्त सीट के माध्यम से प्रवेश से वंचित एमबीबीएस अभ्यर्थी को दी राहत

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के कॉलेज में अतिरिक्त सीट के माध्यम से प्रवेश से वंचित एमबीबीएस अभ्यर्थी को राहत दी। अदालत ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग शिक्षण प्रसारक मंडल (एसएसपीएम) मेडिकल कॉलेज को संस्थागत स्ट्रे वैकेंसी राउंड के तहत छात्रा के लिए एक अतिरिक्त सीट बनाकर एमबीबीएस कोर्स के पहले वर्ष में प्रवेश देने का निर्देश दिया है। इसके बाद राज्य सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से छात्रा को प्रवेश देने के लिए एक अतिरिक्त सीट बनाने की अनुमति मांगी है। न्यायमूर्ति ए.एस.चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने छात्रा की याचिका पर कहा कि याचिकाकर्ता की जाति की स्थिति कभी भी सवाल में नहीं थी। उसे इनकार केवल तकनीकी आधार पर किया गया था। याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं थी। इसलिए न्याय का सिद्धांत ऐसी स्थिति में उसे राहत की मांग करता है। पीठ ने असाधारण परिस्थितियों में प्रवेश देने के लिए अतिरिक्त सीटें बनाने को सही ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के उदाहरणों का हवाला दिया। इसके बाद पीठ ने कॉलेज को आवश्यक औपचारिकताओं का पालन करते हुए एक अतिरिक्त सीट बनाकर छात्रा को प्रवेश देने का निर्देश दिया।

छात्रा 26 जुलाई 2024 को घोषित राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) यूजी परिणाम 2024 के आधार पर पात्र थी। उसने कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन किया और उसका नाम सामान्य प्रतीक्षा सूची में दिखाई दिया। याचिकाकर्ता ने जाति प्रमाण पत्र और जाति वैधता प्रमाण पत्र दोनों प्रस्तुत किया। वह उसे जारी किए गए प्रमाण पत्र के आधार पर ओबीसी जाति से संबंधित है। याचिकाकर्ता को इस आधार पर प्रवेश से वंचित कर दिया गया था कि जाति प्रमाण पत्र में उल्लिखित तिथि जाति वैधता प्रमाण पत्र में संदर्भित तिथि से मेल नहीं खाती थी। इसके बाद छात्रा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

Created On :   25 Dec 2024 10:17 PM IST

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