Mumbai News: अनूठा प्रयास - संसाधन की कमी से जूझ रहे विद्यार्थियों को साथ लेकर चलने की कोशिश

अनूठा प्रयास - संसाधन की कमी से जूझ रहे विद्यार्थियों को साथ लेकर चलने की कोशिश
  • संसाधन साझा कर समाज को संदेश देने की कोशिश
  • विद्यार्थियों ने अपने पास मौजूद अतिरिक्त पाठ्यसामग्री जरूरतमंद बच्चों में बांटी
  • मदद की भावना पैदा करने के लिए कवायद

Mumbai News : समाजिक असमानता को दूर करने के लिए जिनसे पास पर्याप्त संसाधन हैं उन्हें जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। इसी संदेश के साथ ठाणे के न्यू होराइजन इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने अपने पास मौजूद अतिरिक्त सामग्री जरूरतमंद विद्यार्थियों को दीपावली के तोहफे के रुप में बांटी हैं। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली अनिका सदोत्रा ने कहा कि हमें स्कूल की ओर से कहा गया था कि अगर हमारे पास पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी कोई ऐसी चीज है जिसका हम इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उसे दूसरे जरूरतमंद बच्चों को दे सकते हैं। मुझे जन्मदिन और दूसरे मौकों पर अक्सर कई तोहफे मिलते हैं जिनका मैं कभी इस्तेमाल नहीं करती। लेकिन मुझे लगा कि अगर ये चीजें किसी के काम आ जाएं तो अच्छा है।

नौवीं कक्षा के छात्र रायन डेविड ने कहा कि मेरे पास भी कई पेन, पेंसिल, कलर बाक्स ऐसे पड़े हुए थे जिनका मैं इस्तेमाल नहीं कर रहा था। स्कूल की मुख्याध्यापिका डॉ. दीपिका दास ने कहा कि विद्यार्थियों ने पाठ्यसामग्री के अलावा बड़ी संख्या में खिलौने भी दिए हैं। हम चाहते थे कि बच्चे यह समझें कि हमारे पास जरूरत से ज्यादा संसाधन हैं। जबकि कुछ बच्चे जरूरी चीजों के लिए तरह रहे हैं ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके साथ संसाधन साझा करें और उन्हें भी साथ लेकर चलें। हमने बच्चों को कहा था कि वे अलग से चीजें खरीदकर न लाएं बल्कि वही चीजें साझा करें जिसका वे इस्तेमाल नहीं करते।


मुलाकात कर समझी बच्चों की परेशानी

बच्चों ने सिर्फ अपने पास मौजूद सामग्री साझा नहीं की बल्कि वे उन स्कूलों में भी गए जहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थी पढ़ते हैं। बच्चों ने यह समझने की कोशिश की कि आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे विद्यार्थी किस तरह के हालात में रहते और पढ़ाई करते हैं और उन्हें किन परेशानियों से जूझना पड़ता है। बच्चों ने एक दूसरे के साथ पूरा दिन बिताया। डॉ. दास ने कहा कि हमारे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे आर्थिक रुप से संपन्न परिवारों से आते हैं इसलिए यह जरूरी है कि वे यह समझें कि समाज का एक हिस्सा ऐसा भी है जो बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और मुश्किल हालात में दिन गुजार रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता सुभजीत मुखर्जी ने कहा कि विद्यार्थियों ने जो पाठ्यसामग्री दान की है वह करीब 500 विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त है। हमने कुछ अनाथ आश्रमों और स्कूलों में जरूतमंद बच्चों को दीपावली के तोहफे के रुप में पाठ्य सामग्रियां बांटी हैं। जिन बच्चों को तोहफे मिले उनकी खुशी देखने लायक थी।

Created On :   29 Oct 2024 4:00 AM IST

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