Mumbai News: खतरनाक गतिविधियों में हिरासत में लेने का आदेश रद्द, खराब सड़कों को लेकर पीएमसी को फटकार

खतरनाक गतिविधियों में हिरासत में लेने का आदेश रद्द, खराब सड़कों को लेकर पीएमसी को फटकार
  • अदालत ने व्यक्ति को जेल से रिहा करने का दिया आदेश
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने खराब सड़कों को लेकर पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) को लगाई फटकार
  • वन मंत्री गणेश नाईक को हाई कोर्ट का नोटिस, मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति को खतरनाक गतिविधियों में हिरासत में लेने के ठाणे पुलिस आयुक्त के आदेश को रद्द कर दिया है। अदालत ने उसे जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया व्यक्ति के पास से कुछ भी बरामद लगाने के लिए नहीं बचा है। उसे सलाखों के पीछे रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। केवल कई अपराध दर्ज होने पर किसी की जमानत रद्द नहीं की जा सकती है। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल और न्यायमूर्ति एस.एम.मोदक की पीठ के समक्ष विक्रम उर्फ बाला शाहजी सोनावने की ओर से वकील जयश्री त्रिपाठी और वकील अंजलि राउत की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की वकील जयश्री त्रिपाठी ने दलील दी कि जिन मामले में याचिकाकर्ता को जमानत मिल गई थी, उसी मामले में ठाणे पुलिस आयुक्त के आदेश पर हिरासत में लिया गया। उसे जमानत दिए जाने का पूरा आदेश पुलिस आयुक्त के समक्ष रखा जाना चाहिए था। पुलिस आयुक्त के आदेश पर याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर नासिक सेंट्रल जेल में भेज दिया गया है। याचिका में हिरासत में लेने का आदेश रद्द कर याचिकाकर्ता को जेल से रिहा करने का अनुरोध किया गया। पीठ ने सोनावने की याचिका को स्वीकार कर उसे रिहा करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के खिलाफ जनवरी 2019 से मई 2024 के बीच ठाणे के वर्तक नगर पुलिस स्टेशन में दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोप है कि 21 मई 2024 को एक दुकान में घुस गया और दुकानदार को हथियार से धमकाकर 5 हजार रुपए हफ्ता की मांग की। जब दुकानदार पैसे देने से इनकार किया, तो वह दुकान से 40 हजार रुपए लूट कर फरार हो गया। वर्तक नगर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज उसे गिरफ्तार किया। हालांकि अदालत ने उसे जमानत मिल गई। उस इसी तरह का धमकाने का एक और मामला दर्ज किया गया था। इन्ही दोनों आपराधिक मामलों के आधार पुलिस आयुक्त ने उसे खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने का हवाला देकर हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने खराब सड़कों को लेकर पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) को लगाई फटकार

उधर बॉम्बे हाई कोर्ट ने खराब सड़कों को लेकर पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) को फटकार लगाई। अदालत ने उसे सड़क की समस्याओं को सुलझाने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ के समक्ष कनीज-ए-फतेमा सुखरानी और पुष्कर कुलकर्णी की जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई हुई। पीठ ने पुणे की खस्ताहाल सड़कों को लेकर पीएमसी की निष्क्रियता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पीएमसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में विफल रही है। 2006 और 2013 में दायर जनहित याचिकाओं पर अदालत के पिछले निर्देशों की अनदेखी की गई थी। याचिका में पुणे में गड्ढों वाली सड़कों, खराब तरीके से डिजाइन किए गए स्पीड ब्रेकर और खतरनाक मैनहोल कवर के फोटोग्राफिक साक्ष्य शामिल थे। पीठ ने सड़क विकास और सड़क रखरखाव समिति (आरडीआरएमसी) के कामकाज में विसंगतियों को चिह्नित किया, जिसमें समिति की तीसरी और चौथी बैठकों के बीच 8 महीने का महत्वपूर्ण अंतराल बताया, जो 3 जून 2024 और 22 जनवरी 2025 को आयोजित की गई थी। पीएमसी ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए 18 मार्च 2024 को समिति का पुनर्गठन किया।

वन मंत्री गणेश नाईक को हाई कोर्ट का नोटिस, मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप

इसके अलावा विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान एरोली विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में बड़े पैमाने की गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट में वन मंत्री गणेश नाईक के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। यह याचिका शिवसेना (उद्धव) के उम्मीदवार रहे मनोहर मढवी ने दायर किया था। इस याचिका के जरिये नाईक की जीत को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति एनजे जामदार ने सुनवाई करते हुए नाईक को नोटिस जारी करते हुए उन्हें तीन सप्ताह के भीतर अदालत में पेश होकर जवाब दाखिल करवाने का निर्देश दिया है।याचिकाकर्ता मढवी ने याचिका में आरोप लगाया है कि मतदाताओं के नाम फर्जी तरीके से मतदाता सूची में शामिल किये गएथे।जो लोग नाईक के खिलाफ मतदान करने वाले थे उनके नाम मतदाता सूची से निकलवा दिए गए।फर्जी मतदाताओं की शिकायत के बाद 19,795 में से 1329मतदाताओं के नाम हटाए गए थे।

Created On :   17 Feb 2025 9:10 PM IST

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