Mumbai News: कैग ने राज्य में घनकचरा निस्तारण के लिए व्यापक नीति बनाने पर दिया जोर

कैग ने राज्य में घनकचरा निस्तारण के लिए व्यापक नीति बनाने पर दिया जोर
  • 64 फीसदी स्थानीय स्वराज संस्थाएं घर-घर कचरा संकलन में फेल
  • घनकचरा निस्तारण के लिए व्यापक नीति बनाने पर जोर दिया

Mumbai News. राज्य के स्थानीय स्वराज संस्थानों में कचरा व्यवस्थापन को लेकर बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में कैग ने खामियों को उजागर करते हुए घनकचरा व्यवस्थापन के लिए सर्वसमावेशी नीति और रणनीति तैयार के साथ ही उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का भी सुझाव दिया है। 205 पन्नों की इस रिपोर्ट में वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक राज्य के 45 स्थानीय स्वराज संस्थानों द्वारा घनकचरा व्यवस्थापन का अध्ययन किया गया। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार ने कचरे के वर्गीकरण, एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक के विक्री और इस्तेमाल पर पाबंदी और कचरा इधर उधर फेंकने पर जुर्माने जैसे आदेश तो जारी किए लेकिन घनकचरा व्यवस्थापन के लिए नीति और रणनीति नहीं तैयार की। कैग ने अपनी जांच में यह भी पाया कि 45 में 29 यानी 64 फीसदी शहरी स्थानीय स्वराज संस्थाओं ने घर-घर से कचरा इकठ्ठा करने का लक्ष्य पूरा नहीं किया था। यही नहीं 41 फीसदी कचरे का तो संकलन ही नहीं हुआ। इसके अलावा 12 स्थानीय स्वराज संस्थाओं ने कचरे के वजन के लिए कांटा नहीं लगाया था और वे इसका संकलन करने वाले वाहनों की क्षमता के मुताबिक कचरे का अंदाजा लगा रहे थे। 29 स्थानीय स्वराज संस्थाएं घर-घर कचरा संकलन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहीं थीं। इसके अलावा 21 स्थानीय स्वराज संस्थाओं ने कचरा संकलन करने की जगह पर विलगीकरण यानी गीला और सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था की थी लेकिन 23 स्थानीय स्वराज संस्थाएं ऐसा नहीं कर पाई थीं। कैग ने यह भी पाया कि 2018-19 से 2021-22 इकठ्ठा किए गए 38 फीसदी कचरे का निस्तारण नहीं हुआ। सबसे खराब स्थिति निर्माणकार्य के दौरान निकलने वाले कचरे की रही और 98 फीसदी कचरा ऐसे ही पड़ा रहा। इसके अलावा उचित व्यवस्था न किए जाने के चलते 33.88 लाख मीट्रिक टन कचरा खुले में पड़ा रहा। कैग ने यह भी पाया कि कचरा संकलन और उसके निस्तारण के काम में लगे कर्मचारियों को जरूरी उपकरण नहीं दिए गए जिसके चलते कई कर्मचारी बीमारियों का शिकार हो गए।

नवी मुंबई महानगर पालिका की तारीफ

कैग ने नवी मुंबई महानगर पालिका और मलकापुर नगर परिषद की पहल की तारीफ की है। नई मुंबई महानगर पालिका ने पुराने जूते/चप्पलों, साड़ियों और दूसरे अनुपयोगी सामानों का संकलन कर उससे कलाकृतियां बनाने, पर्यावरण के अनुकूल थैलियां बनाने और पुराने जूते चप्पलों का नवीनीकरण करने के लिए पहल की। इसके संकलन के लिए बॉक्स रखे जिससे फेंके जाने वाले कचरे में कमी आई। इसके अलावा मलकापुर नगरपरिषद ने होटल के गीले कचरे का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए जिसके चलते कंपोस्ट परियोजना के लिए बाहर से कोई बिजली नहीं लेनी पड़ी। कैग ने इसकी भी तारीफ की है।

इस तरह बेहतर होगी व्यवस्था

कैग ने राज्य सरकार को घनकचरा व्यवस्थापन को लेकर 11 सुझाव दिए हैं जिसमें कहा गया है कि कचरा व्यवस्थापन के लिए राज्यव्यापी रणनीति बनानी चाहिए और कचरा कम करने पर जोर दिया जाना चाहिए। स्थानीय स्वराज संस्थाओं को कचरा प्रबंधन पर रिपोर्ट तैयार करने, उपयोगकर्ता शुल्क लगाने, खराब प्रदर्शन की समीक्षा कर सुधार के लिए कदम उठाने, वजन कांटे लगाने, कचरा चुनने वालों के स्वयं सहायता समूहों के गठन, विज्ञापन व जागरूकता अभियानों के जरिए गीला व सूखा कचरा अलग करने को बढ़ावा देने, एकत्रित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के उचित निपटान, कचरे के निस्तारण के काम में लगे कर्मचारियों को जरूरी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ राज्यस्तरीय सलाहकार समिति में नियमों के मुताबिक प्रतिनिधित्व की भी वकालत की है।


Created On :   26 March 2025 9:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story