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Mumbai News: झारखंड के चंपाटोली गांव में शुभम लोनकर ने किया था एके 57 से फायरिंग का अभ्यास
- अभ्यास के लिए नक्सलियों से लिए गए थे हथियार
- बिश्नोई गैंग के नक्सल कनेक्शन की जांच कर रही क्राइम ब्रांच
- नक्सल प्रभावित और पहाड़ी इलाके में किया था अभ्यास
Mumbai News : एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में वांछित आरोपी व मुख्य साज़िशकर्ता शुभम लोनकर को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। मुंबई क्राइम ने अपनी जाँच के दौरान उस जगह को ढूँढ़ निकाला है, जहाँ शुभम ने फायरिंग का अभ्यास किया था। मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, शुभम लोनकर ने झारखण्ड के चंपाटोली गाँव के पास मौजूद माइंस और पहाड़ी क्षेत्र के इलाके में खतरनाक व अत्याधुनिक एके ५७ से फायरिंग का अभ्यास किया था। इस दौरान शुभम ने फायरिंग का अभ्यास किया था, जबकि रुपेश मोहोल और गौरव अपुने ने उसको सिर्फ हैंडल करना सीखा था। इसका खुलासा आरोपी मोहोल और अपुने ने पूछताछ में भी किया है। क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार, फायरिंग के अभ्यास के लिए एके ५७ हथियार को नक्सलियों से लिया गया था। इस खुलासे के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच बिश्नोई गैंग के नक्सल कनेक्शन की जाँच में जुटी हुई है। इसके लिए क्राइम ब्रांच लगातार झारखण्ड पुलिस के संपर्क में है और उनकी मदद लेकर वहां जाकर जाँच करने की तैयारी कर रही है। क्राइम ब्रांच को यह भी शक है कि शुभम इसी इलाके में नक्सलियों के बीच छुपा हो सकता है।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुभम लोनकर, गौरव अपुने और रुपेश मोहोल २८ जुलाई २०२४ को पुणे से हटिया एक्सप्रेस ट्रेन पकड़कर झारखण्ड गए थे। झारखण्ड में रांची पहुंचने के बाद तीनों ने वहां से दूसरा ट्रांसपोर्ट लिया था और वहां से ८५ किमी दूर गुमला जिले में पहुंचे थे। चंपाटोली गाँव, गुमला जिले में ही आता है और वहां से करीब ४३ किमी दूर अंदर में है। नक्सल प्रभावित होने से यह इलाका काफी खतरनाक माना जाता है। इस गाँव के आस-पास का इलाका नक्सल प्रभावित है और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। शुभम लोनकर ने इस इलाके को फायरिंग का अभ्यास करने के लिए इसलिए चुना था, क्योंकि अभ्यास करने के दौरान गोलियों की आवाज किसी को सुनाई न दे। वहां पहुंचने के बाद नक्सलियों की तरफ से उन्हें एके ५७ मुहैया कराया गया और उससे शुभम ने तीन दिनों तक कई राउंड फायरिंग का अभ्यास किया था। इस दौरान वह चंपाटोली गाँव में ही रुके थे। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, तीनों आरोपी झारखण्ड में ५ दिनों तक थे, जिसमें से उन्होंने तीन दिनों तक फायरिंग का अभ्यास किया था और अगस्त के पहले सप्ताह में हटिया एक्सप्रेस से ही वापस पुणे आ गए थे। सूत्रों के अनुसार, झारखण्ड में फायरिंग का यह अभ्यास प्लान बी के तहत पुणे के एक बड़े नेता को मारने के लिए किया गया था।
Created On :   16 Dec 2024 10:02 PM IST