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Mumbai News: पीएनबी के सेवानिवृत्त प्रभारी अधिकारी को 5 लाख का मुआवजा देने का दिया निर्देश

- सेवानिवृत्त प्रभारी अधिकारी रहे विनायक बालचंद्र घनेकर
- घनेकर को 5 लाख का मुआवजा देने का दिया निर्देश
- प्रभारी अधिकारी घनेकर पर कर्ज के लेन-देन में अनियमितता का आरोप
- बैंक ने याचिकाकर्ता को सेवानिवृत्त से पहले किया था बर्खास्त
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को उसके शिरडी शाखा के प्रभारी अधिकारी रहे विनायक बालचंद्र घनेकर को बर्खास्त करने के लिए 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया। बैंक ने घनेकर पर कर्ज के लेन-देन में अनियमितता का आरोप लगा कर बर्खास्त किया था। अदालत ने कहा कि प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र पर कारण बताने का अवसर भी नहीं दिया गया, क्योंकि उसे दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए थे। उन्हें 27 से 29 जून 2018 के बीच ही तब दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे, जब 29 जून, 2018 को जांच बंद कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ ने विनायक बालचंद्र घनेकर की याचिका पर अपने फैसले में कहा कि हम याचिकाकर्ता के दर्द और पीड़ा को कम करने के लिए पंजाब नेशनल बैंक को उसे 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। बैंक को यह राशि फैसले से 30 दिनों की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता को भुगतान करनी होगी। याचिकाकर्ता के वकील राजेश कोठारी ने दलील दी कि बैंक ने याचिकाकर्ता को 30 जून 2018 को सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उन्होंने बैंक के आदेश को चुनौती दी। वह पिछले छह साल और नौ महीने से मुकदमा लड़ रहा है। उन्हें ग्रेच्युटी राशि को छोड़कर कोई अन्य लाभ नहीं दिया गया। बैंक को याचिकाकर्ता को उसके साथ हुए गंभीर अन्याय के लिए मुआवजा देने की जरूरत है। पीठ ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार कर बैंक को उसे 5 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया।
क्या था पूरा मामला
याचिकाकर्ता 16 जून 1981 को पंजाब नेशनल बैंक में क्लर्क-कम-टाइपिस्ट के रूप में भर्ती हुए। 2014 में उनकी जूनियर मैनेजमेंट के पद पर पदोन्नति हुई और 11 मार्च 2015 को उन्हें शिरडी शाखा में प्रभारी अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। उसके एक साल बाद ही याचिकाकर्ता घनेकर का तबादला पुणे क्षेत्रीय समाशोधन केंद्र में कर दिया गया। उन पर शिरडी शाखा के प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्यकाल के दौरान कर्ज लेने वाले बैंक खातों के संबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया। 20 जून 2018 उन्हें पंजाब नेशनल बैंक अधिकारी कर्मचारी विनिमय 1977 के विनियमन 6 के तहत आरोप पत्र जारी किया गया। बैंक ने उनके खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है। याचिकाकर्ता ने आरोप पत्र का जवाब देते हुए खुद को निर्दोष बताया था।
Created On :   23 March 2025 10:35 PM IST