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Mumbai News: बुजुर्गों के उत्पीड़न को लेकर हाई कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, 50 हजार प्रति माह देने होंगे
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- अदालत ने बहू को 50 हजार प्रति माह सास को भरण-पोषण के लिए देने का दिया आदेश
- बुजुर्गों के उत्पीड़न का मामला
Mumbai News. बुजुर्गों के उत्पीड़न को लेकर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने एक बहू को अपनी सास के भरण-पोषण के लिए 50 हजार रुपए प्रति माह देने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि न्याय तभी होगा, जब बहू को सास के भरण-पोषण का प्रावधान करने का निर्देश दिया जाए, जिससे वह बुढ़ापे में अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। बहू को सास के नाम की दुकान के किराए का आनंद लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि जब तक सास दुकान के स्वामित्व और कब्जे के साथ फ्लैट में 50 फीसदी हिस्सेदारी का दावा करने के लिए सिविल कोर्ट में आवश्यक कार्यवाही शुरू नहीं करती हैं, तब तक बहू को मासिक भरण-पोषण की राशि सास का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी बनाया जाता है। पीठ ने कहा कि यह व्यवस्था बुजुर्ग सास के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए की गई है, क्योंकि अब उन्हें अपने भरण-पोषण के लिए उन संपत्तियों के स्वामित्व और कब्जे का दावा करने के लिए मुकदमेबाजी करनी पड़ रही है, तो उनके स्वामित्व में हैं।
पीठ ने यह भी कहा कि बुजुर्ग के भरण-पोषण के लिए पुत्रवधू को प्रावधान करने का निर्देश दिया गया है। पहले बहू को सास के साथ साझा की जाने वाली राशि 35 हजार रुपए प्रति माह की अंतरिम निर्धारित की थी, जिसे वह न्यायालय में जमा कर रही हैं। सास ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में राशि बढ़ाने का अनुरोध किया। पीठ ने सास की याचिका को स्वीकार करते हुए राशि 35 हजार रुपए से बढ़ा कर 50 हजार रुपए प्रति माह कर दी और उसे मार्च 2025 से देने का निर्देश दिया। पीठ ने भरण-पोषण न्यायाधिकरण द्वारा पारित पिछले साल 25 अप्रैल का आदेश और अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा पारित 29 जुलाई का आदेश रद्द कर दिया। कविता रमेश कथारे और उनके बेटे किशन रमेश कथारे को सास सोनाबाई कृष्णा कथारे को मार्च-2025 से प्रति माह की 10 तारीख को 50 हजार रुपए भरण-पोषण के रूप में देना होगा।
क्या है पूरा मामला
जोगेश्वरी में रहने वाली सोनाबाई कथारे के नाम से अंधेरी (पूर्व) में दुकान और फ्लैट है। उनकी बहू कविता रमेश कथारे बेटी किशन के साथ फ्लैट में रहती है और दुकान को किराए पर दिया। जबकि सास जोगेश्वरी में रहती हैं। बहू के पास सास के नाम की संपत्ति है, लेकिन वह उनकी देखरेख और भरण-पोषण नहीं कहती है। बुजुर्ग सास को अपने भरण-पोषण के लिए बहू के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
Created On :   19 Feb 2025 10:18 PM IST