Mumbai News: हाईकोर्ट ने नवी मुंबई एयरपोर्ट के लिए कृषि भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को किया रद्द

हाईकोर्ट ने नवी मुंबई एयरपोर्ट के लिए कृषि भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को किया रद्द
  • पनवेल के वहल गांव के 16 किसानों की अधिग्रहण अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई
  • आदेश पर रोक की सरकार की मांग अस्वीकार

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के लिए 16 किसानों कीकृषि भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही को रद्द कर दिया है। इससे पहले अदालत ने 2018 में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पर अंतरिम स्थगन आदेश दिया था। पनवेल के वहल गांव के किसानों ने कृषि भूमि अधिग्रहण के लिए 2013 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति एमएस सोनक और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की पीठ ने 16 किसानों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि नगर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको) और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई अधिग्रहण प्रक्रिया वैध अधिसूचना के अभाव के कारण त्रुटिपूर्ण थी, जिसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 17 के तहत तात्कालिक प्रावधानों का हवाला दिया गया। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि धारा 5(ए) के तहत अनिवार्य जांच करने में विफलता ने अधिग्रहण को अवैध बना दिया। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा 5(ए) सार्वजनिक उद्देश्य के लिए धारा 5 के तहत अधिग्रहण के लिए अधिसूचित भूमि में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिसूचना के 30 दिन के भीतर अधिग्रहण के खिलाफ आपत्तियां उठाने की अनुमति देता है।

आदेश पर रोक की सरकार की मांग अस्वीकार

पीठ ने कहा कि किसान अभी भी भूमि के मालिक हैं। इसलिए 2018 में पारित अंतरिम स्थगन आदेश के बाद उन्हें कब्जा वापस करने का आदेश जारी करने का कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि राज्य सरकार ने मांग की कि आदेश को रोक दिया जाए, लेकिन पीठ ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। नवी मुंबई हवाई अड्डे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अगले कुछ महीनों में यहां से संचालन शुरू होना है।

अधिसूचना पेश करने में विफल रही सरकार

याचिकाकर्ताओं के वकील ए.वी.अंतुरकर ने दलील दी कि घोषणा में गलती से एक तात्कालिक अधिसूचना का उल्लेख किया गया था, जो कभी अस्तित्व में ही नहीं थी। सरकार ऐसी कोई अधिसूचना पेश करने में विफल रही। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सरकारी वकील ए.आई.पटेल ने कहा कि अदालत को इस आधार पर आगे बढ़ना होगा कि वास्तव में परियोजना सार्वजनिक उद्देश्य की पूर्ति करती है। उन्होंने अदालत से अधिग्रहण को रद्द करने के बजाय राहत देने का आग्रह किया।

Created On :   5 March 2025 9:32 PM IST

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