- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- ग्रामीण क्षेत्र में सेवा शर्त पूरा...
Mumbai News: ग्रामीण क्षेत्र में सेवा शर्त पूरा करने पर ही अपलोड होगा डॉक्टरों का प्रमाण पत्र
![ग्रामीण क्षेत्र में सेवा शर्त पूरा करने पर ही अपलोड होगा डॉक्टरों का प्रमाण पत्र ग्रामीण क्षेत्र में सेवा शर्त पूरा करने पर ही अपलोड होगा डॉक्टरों का प्रमाण पत्र](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/07/1401395-1.avif)
- एक साल सरकारी अस्पताल में सेवा शर्त पूरा करने पर सख्त हुए स्वास्थ्य मंत्री
- सेवा शर्त पूरा करने पर ही अपलोड होगा डॉक्टरों का प्रमाण पत्र
- ग्रामीण हिस्सों में सुविधा की कमी
Mumbai News. मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर चुके डॉक्टरों को सेवा शर्त (बांड) के तहत एक वर्ष तक सरकारी अस्पताल में काम करना पड़ता है। लेकिन कई डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में बांड सेवा करने में कतराते हैं। इसे लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों कोग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने एक साल की सेवा पूरी होने के बाद ही डॉक्टरों को दिया जानेवाला बांड सेवा का प्रमाण पत्र पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया है। एमबीबीएस, एमडी, एमएस आदि की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टरों को एक वर्ष की सेवा जिला, उपजिला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आदि में देना अनिवार्य है। एक साल की सेवा न देने पर एमबीबीएस के डॉक्टरों को 10 लाख रुपए और एमडी, एमएस आदि डिग्री के डॉक्टरों को 50 लाख रुपए तक का दंड था। लेकिन 2022 के बाद राज्य सरकार द्वारा दंड का प्रावधान हटाने के बाद एक साल की सेवा शर्तपूरा करना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद भी कई डॉक्टर ग्रामीण भागों में जाने से कतराते हैं। किसी न किसी बहाने वे शहर के अस्पतालों में बांड सेवा के लिए सिफारिश करते हैं। ग्रामीण हिस्सों में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को शहरों में इलाज के लिए आना पड़ता है। इसके लिए उनका अधिकांश समय यात्रा में बीतता है। मरीजों को होनेवाली तकलीफों और ग्रामीण भागों में स्वास्थ्य सेवा को सक्षम बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबिटकर ग्रामीण क्षेत्रों में बांड सेवा को लेकर डॉक्टरों पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने गुरुवार को आरोग्य भवन में हुई बैठक में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लागू सेवा शर्तपूरा करना अनिवार्यकरने के संबंध कड़े कदम उठाने का निर्देश संबंधित विभाग को दिया है।
ग्रामीण हिस्सों में सुविधा की कमी
रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन सेंट्रल मार्ड के एक डॉक्टर ने कहा कि ग्रामीण हिस्सों में सुविधा का अभाव है। रहने, खान-पान के साथ-साथ आवाजाही की भी समस्या बनी रहती है। इतना ही नहीं क्षेत्रीय लोगों की भाषा भी डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती रहती है। इन्हीं समस्याओं के कारण डॉक्टर ग्रामीण भागों के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने से कतराते हैं। नांदेड में बीते दिनों ग्रामीण हेल्थ सेंटर पर ड्यूटी करने के बाद घर लौट रहे एक डॉक्टर की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। मेडिकल कॉलेज द्वारा वाहन की सुविधा उपलब्ध न कराने से डॉक्टर को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में ही बांड नीति क्यों?
सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. प्रतीक देबाजे ने कहा कि सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में ही बांड की नीति लागू है। उन्होंने यह भी बताया कि एम्स से पढ़ाई करनेवाले डॉक्टरों के लिए बांड नीति नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि आईआईटी, आईआईएम जैसी कई सरकारी संस्थाने हैं। इन संस्थानों से शिक्षा हासिल करनेवाले विद्यार्थियों पर बांड नीति क्यों नहीं।
Created On :   7 Feb 2025 10:20 PM IST