Mumbai News: जीबीएस मरीज की पुष्टि, 64 साल की महिला संक्रमित, सेवन हिल अस्पताल में इलाज

जीबीएस मरीज की पुष्टि, 64 साल की महिला संक्रमित, सेवन हिल अस्पताल में इलाज
  • 64 वर्षीय महिला को इलाज के लिए मुंबई मनपा के सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया
  • जीबीएस मरीज की पुष्टि हुई

Mumbai News. अंधेरी पश्चिम में रहने वाली एक महिला गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से संक्रमित पाई गई है। 64 वर्षीय महिला को इलाज के लिए मुंबई मनपा के सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऐसा कहा जा रहा है कि यह मुंबई में पाया गया पहला जीबीएस मरीज है। 64 वर्षीय महिला को 15 दिन पहले बुखार और दस्त की समस्या शुरू हुई थी। उसे चलने में भी परेशानी हो रही थी। इस बीचतीन दिन पहले उन्हें स्ट्रोक का झटकाआ गया। महिला को 5 फरवरी को इलाज के लिए अंधेरी के सेवन हिल्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस महिला के मस्तिष्क में सफेद धब्बे देखे गए हैं। उन पर प्लाज्मा थेरेपी शुरू कर दी गई है। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया के चार चरण और बाकी हैं। महिला मुंबई में पहली जीबीएस मरीज मानी जा रही। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने इस संभावना को खारिज कर दिया है कि यह पहला रोगी है, क्योंकि मुंबई में कभी-कभी जीबीएस के रोगी नियमित रूप से देखे जाते हैं। इस महिला के पहले 21 जनवरी को धुले निवासी एक 35 वर्षीय जीबीएस पीड़ित मरीज को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस व्यक्ति का भी इलाज जारी है। मुंबई मनपा स्वास्थ्य विभाग इस मरीज की भी जानकारी इकट्ठा कर रही है।

राज्य में 173 जीबीएस

अब तक राज्य में 173 संदिग्ध जीबीएस मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 146 में जीबीएस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, जीबीएस के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, तथा चार मौतें संदिग्ध बताई गई हैं।

डॉ.दक्षा शाह, कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी, मुंबई मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मुंबई में पाए गए संदिग्ध जीबीएस मरीज का पुणे के मरीजों से कोई संबंध नहीं है और उसने यात्रा भी नहीं की है। यह ऑटो इम्यून डिजीज है। मुंबई में यह कोई पहला मरीज नहीं है क्योंकि अक्सर बीच में इस तरह के मरीज मिलते रहते हैं। यह नोटिफाइबॉड मामला नहीं है।

सरकारी अस्पतालों की दवाइयों की होगी गुणवत्ता जांच

इसके अलावा अब नकली दवाई खरीदने के लगे आरोपों के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने सभी सरकारी अस्पतालों के दवाइयों की नई नियमावली के अनुसार गुणवत्ता जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल खरीदे गए दवाइयों का पंजीयन ई-दवाई (औषधी) प्रणाली पर 24 से 48 घंटे के बीच करें। दवाइयों का भंडारण समूह क्रमांकवार बिना किसी चूक के दर्ज किया जाए। सभी दवाइयों का बैचवार नमूने का एनएबीएल प्रयोगशाला में जांच करें। आबिटकर ने स्वास्थ्य विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्य से लेकर जिला स्तर तक दवाइयों की जांच के लिए अभियान चलाने का आदेश दिया। आबिटकर ने कहा कि अनियमितता को रोकने के लिए दवाई आपूर्ति कंपनी और प्रयोगशाला के बीच कोई संपर्क नहीं होने देने के लिए व्यवस्था तैयार करें। उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में नकली दवाई के बारे में रिपोर्ट मिलने पर उसका इस्तेमाल तत्काल रोका जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र वैद्यकीय वस्तु खरीदी प्राधिकरण ने जिला स्तर के दवाई भंडार में से 86 दवाइयों के नमूने एनएबीएल प्रयोगशाला में भेजा है। जिसमें से 32 नूमने में दवाई इस्तेमाल योग्य पाई गई है। जबकि 54 नमूने की रिपोर्ट प्रलंबित हैं।


Created On :   7 Feb 2025 10:43 PM IST

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