Mumbai News: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चार लाख इंजीनियर- ठेकेदार, मंत्रियों के निजी सहायकों को नहीं मिला वेतन

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चार लाख इंजीनियर- ठेकेदार, मंत्रियों के निजी सहायकों को नहीं मिला वेतन
  • 90 हजार करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान नहीं होने के चलते शुरू की हड़ताल

Mumbai News : महाराष्ट्र सरकार के कई विभागों में अटके 90 हजार करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान नहीं होने के चलते राज्य के चार लाख इंजीनियर और ठेकेदार बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिसकी वजह से पूरे राज्य में करीब 45 से 50 हजार जगहों पर सरकारी ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया। महाराष्ट्र कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने कहा कि बुधवार को राज्य के 27 जिलों में ठेकेदारों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के दफ्तरों के सामने प्रदर्शन किया और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। भोसले का कहना है कि राज्य सरकार ने जुलाई 2024 से ठेकेदारों के किसी भी बिल का भुगतान नहीं किया है। जिन जिलों में बुधवार को आंदोलन नहीं हुआ, वहां गुरुवार को आंदोलन होगा। संगठन के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने कहा कि हमने 14 जनवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार को पत्र लिखकर ठेकेदारों के बिलों का जल्द भुगतान करने की मांग की थी। हमने उन्हें 31 जनवरी तक का समय दिया था, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते हमने बुधवार से पूरे राज्य में अनिश्चितकालीन आंदोलन कर सभी जिलों में चल रहे पीडब्ल्यूडी और दूसरे विभागों के कार्यों को बंद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बुधवार को हमारे संगठन के अलावा दूसरे ठेकेदार संगठन भी हड़ताल में शामिल हुए और उन्होंने जिले के पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंताओं को ज्ञापन दिया और सरकार द्वारा जल्द बिलों का भुगतान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमने पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवेंद्र सिंह भोसले से अपनी समस्याओं को रखने के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है, लेकिन अभी तक भोसले की ओर से हमें कोई आश्वासन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे बिलों का भुगतान नहीं हो जाता, राज्य में कोई भी ठेकेदार सरकारी कार्य नहीं करेगा।

मंत्रियों-उपमुख्यमंत्री के ओएसडी और निजी सहायकों को नहीं मिला दो महीने से वेतन

उधर महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को 2 महीने का समय हो गया है लेकिन अभी भी कई मंत्रियों और दोनों उपमुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ये गैर सरकारी अधिकारी हैं, जो मंत्रियों के साथ बतौर विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) व निजी सचिव कार्य कर रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने "दैनिक भास्कर' को बताया कि दरअसल मंत्रियों के निजी सचिव से लेकर ओएसडी और निजी सहायकों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते देरी हुई। जिसकी वजह से 2 महीने से काम कर रहे इन अधिकारियों को वेतन नहीं मिला है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि अगले महीने से इन्हें समय पर वेतन मिलना शुरू हो जाएगा। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के यहां निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति पर इसलिए निगरानी रखी थी क्योंकि मुख्यमंत्री करीब एक दर्जन से ज्यादा "दागी' अधिकारियों को मंत्रालय में नहीं रखना चाहते थे।

Created On :   5 Feb 2025 10:35 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story