Mumbai News: लाडली बहन योजना के चलते तिजोरी पर पड़ा है भार, नहीं होगी किसानों की कर्जमाफी - संजय शिरसाट

लाडली बहन योजना के चलते तिजोरी पर पड़ा है भार, नहीं होगी किसानों की कर्जमाफी - संजय शिरसाट
  • नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें अजित - संजय राऊत
  • अजित बताएं क्या कर्जमाफी भी जुमला था?- महेश तपासे

Mumbai News. राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजित पवार के साल 2026 तक फसल कर्जमाफी नहीं करने वाले बयान के बाद अब राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट का बयान भी सामने आया है। शिरसाट ने कहा कि लाडली बहन योजना के चलते राज्य की तिजोरी पर भार पड़ा है, इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि साल 2026 तक किसानों की कर्ज माफी नहीं हो सकती। उधर शिरसाट और अजित के बयान पर राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने निशाना साधते हुए कहा कि क्या किसानों की कर्जमाफी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 लाख रुपए वाले जुमले की तरह तो नहीं है? तपासे ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी का जो वादा उन्होंने किया था, उसे वह पूरा नहीं कर पाए हैं। इसलिए अजित को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल तीन दिन पहले अजित पवार ने एक कार्यक्रम में कहा था कि राज्य के सभी किसान 31 मार्च से पहले बैंकों से लिए कर्ज को वापस कर दें। अजित ने कहा था कि हमारी अब ऐसी स्थिति नहीं है कि हम कर्ज माफी कर दें। हम भविष्य की स्थिति के आधार पर निर्णय लेंगे। अजित ने कहा था कि इस साल और अगले साल तक हमारी आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कर्ज माफी नहीं होगी। इसके बाद राज्य सरकार के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि अजित पवार ने जो कर्ज माफी को लेकर बयान दिया है, वह दरअसल महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति से जुड़ा हुआ है। शिरसाट ने कहा कि हमारी सरकार लाडली बहन योजना के चलते पहले से ही आर्थिक तंगी झेल रही है। जिसके चलते राज्य की तिजोरी पर अतिरिक्त भार पड़ा हुआ है। ऐसे में मुझे लगता है कि जल्द किसानों की कर्ज माफी नहीं होगी। इसके लिए किसानों को थोड़ा इंतजार करना होगा।

अजित बताएं क्या कर्जमाफी भी जुमला था?- महेश तपासे

राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने अजित पवार के कर्जमाफी वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने साल 2014 में चुनाव जीतने से पहले सभी के बैंक खातों 15 लाख रुपए देने की जो बात कही थी, वह एक जुमला साबित हुआ था। तपासे ने कहा कि अजित पवार ने विधानसभा चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी को लेकर जो वादा किया था क्या यह भी एक जुमला है? इस बारे में राज्य की जनता को अजित को बताना चाहिए।

नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें अजित - संजय राऊत

उधर शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत ने संजय शिरसाट और अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री अजित पवार और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भाषा अलग थी। लाडली बहनों को 2100 रुपए देने की बात कही थी, जबकि किसानों की कर्ज माफी का भी ऐलान किया गया था। लेकिन सरकार अपनी दोनों ही बातों को पूरा करने में असफल रही है। न तो किसानों की कर्ज माफी हो पाई है और न ही लाडली बहनों को 2100 रुपए देने का फैसला हुआ है। इसलिए महाराष्ट्र की जनता को किए गए वादों को पूरा नहीं करने पर वित्त मंत्री अजित पवार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। राऊत ने कहा कि मेरी राज्य की लाडली बहनों और किसानों से अपील है कि अगर उन्हें 2100 रुपए और कर्जमाफी नहीं मिलती है तो फिर उन्हें अजित पवार के बंगले के बाहर बैठकर अनशन करना चाहिए।

Created On :   30 March 2025 10:47 PM IST

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