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Mumbai News: मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी चलाएंगे वैद्यकीय सहायता कक्ष
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- मंत्रालय में उपमुख्यमंत्री अजित भी वैद्यकीय सहायता कक्ष चलाएंगे
- मुख्यमंत्री कार्यालय के कक्ष से मिलती है निधि
Mumbai News. प्रदेश की सत्तारूढ़ महायुति के तीनों दलों के बीच मंत्रालय में वैद्यकीय (चिकित्सा) सहायता कक्ष शुरू करने के लिए होड़ मची नजर आ रही है। मंत्रालय में अब उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री अजित पवार भी वैद्यकीय सहायता कक्ष चलाएंगे। मंत्रालय के मुख्य इमारत की सातवीं मंजिल पर अजित के कार्यालय में यह वैद्यकीय सहायता कक्ष बनाया गया है। यह कक्ष केवल मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए बनाया गया है। वैद्यकीय सहायता कक्ष से मरीजों के इलाज के लिए कोई निधि नहीं उपलब्ध कराई जाएगी। उपमुख्यमंत्री अजित के वैद्यकीय सहायता कक्ष को संचालित करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया गया है। उपमुख्यमंत्री अजित के कार्यालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि मंत्रालय में मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष पहले से बना हुआ है। लेकिन इसके बावजूद राकांपा (अजित) के मंत्रियों और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र से कई परिजन उपमुख्यमंत्री अजित के कार्यालय में आकर मरीजों के लिए मदद मांगते हैं। कई परिजन मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष में आवेदन करते हैं, लेकिन कई परिजनों को समय पर सहायता नहीं मिल पाता है। क्योंकि कई बार आवश्यक दस्तावेज कम होते हैं। संवाद की भी कमी होती है। इसके मद्देनजर उपमुख्यमंत्री अजित के कार्यालय में वैद्यकीय सहायता कक्ष बनाया गया है। जिसमें लगभग हर दिन 8 से 10 मरीजों के परिजन आते हैं। यहां पर आने वाले मरीजों के परिजनों के फाइलें देकर मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष से संपर्क किया जाता है। जो मरीज फार्म नहीं भर पाते हैं, उनका फार्म भी भरा जाता है। यदि कोई मरीज ज्यादा गंभीर होते हैं तो उनकी मदद के लिए उपमुख्यमंत्री अजित के हस्ताक्षर का पत्र भी दिया जाता है। अधिकारी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजित के पुणे के कार्यालय में भी इस तरह का कक्ष शुरू किया गया है। इससे वहां से भी मंत्रालय के उपमुख्यमंत्री अजित के कार्यालय में फोन आते हैं।
शिंदे भी शुरू कर चुके हैं कक्ष
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय की ओर से बीते 9 फरवरी को उपमुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता कक्ष की स्थापना की गई थी। उपमुख्यमंत्री शिंदे के चिकित्सा सहायता कक्ष के प्रमुख मंगेश चिवटे ने बताया था कि महात्मा ज्योतिबा फुले स्वास्थ्य योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसकी स्थापना की गई है। इस कक्ष के माध्यम से मरीजों को सीधे निधि वितरित नहीं की जाएगी बल्कि जरूरतमंदों को सहायता प्रदान किया जाएगा। इस पर बीते 18 फरवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मंत्रालय में चिकित्सा सहायता कक्ष स्थापित करने में कुछ गलत नहीं है। फडणवीस ने कहा कि पूर्व की महायुति सरकार में जब मैं उपमुख्यमंत्री था तब धर्मादाय (ट्रस्ट) अस्पताल मदद कक्ष शुरू किया था।
मुख्यमंत्री कार्यालय के कक्ष से मिलती है निधि
इसके पहले बीते 11 दिसंबर 2024 को प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष को स्थापित करने का फैसला किया था। मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष के प्रमुख रामेश्वर नाईक हैं। मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधि कक्ष के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद मरीजों को इलाज खर्च के लिए मदद की जाती है।
Created On :   20 Feb 2025 9:39 PM IST