Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के एक बिल्डर की गिरफ्तारी को किया अवैध घोषित

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के एक बिल्डर की गिरफ्तारी को किया अवैध घोषित
  • अदालत ने पुलिस को बिल्डर को रिहाई का दिया आदेश
  • बिल्डर की गिरफ्तारी को किया अवैध घोषित

Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के एक बिल्डर की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और पुलिस को उसे रिहाई का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि तीन अलग-अलग मामलों में बिल्डर की गिरफ्तारी अवैध है। यह उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि उसे गिरफ्तारी के लिए आधार नहीं दिए गए। न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ के समक्ष सुप्रीम बिल्डर्स के ललित टेकचंदानी की ओर से वकील तारक सईद की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील तारक सईद ने दलील दी कि चेंबूर पुलिस, तलोजा पुलिस स्टेशन और सीबीडी बेलापुर पुलिस स्टेशन में याचिकाकर्ता के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए। उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाना चाहिए, क्योंकि चेंबूर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी का आधार दिए बिना पहली बार गिरफ्तार किया। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के आधार के संचार का एक घोषित उद्देश्य है। इससे अभियुक्त को यह पता चल जाता है कि जांच अधिकारी के पास क्या सामग्री है, जो उसकी गिरफ्तारी को उचित ठहराती है। ऐसा नहीं होने पर यह उसे रिमांड याचिका का विरोध करने और जमानत पर अपनी रिहाई सुनिश्चित करने की अनुमति देती है। यह कानून में प्रदत्त एक सुरक्षा है, जिसका लाभ अभियुक्त तब उठाना चाहिए, जब उसे गिरफ्तार किया गया हो। याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी के बाद रिमांड आदेश कानून की दृष्टि में अवैध पाए गए हैं। इसलिए उन्हें रद्द किया जाता है।

क्या है पूरा मामला

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस साल 30 जनवरी को धोखाधड़ी के मामले बिल्डर ललित टेकचंदानी को गिरफ्तार किया गया था। आरोप लगाया गया कि मेसर्स सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने तलोजा में एक नया आवासीय प्रोजेक्ट शुरू किया। शिकायतकर्ता ने उस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया और बिल्डर को 1 लाख रुपए दिए। शर्तों के मुताबिक बिल्डर ने उन्हें फ्लैट का कब्जा नहीं दिया। शिकायतकर्ता ने चेंबूर पुलिस स्टेशन में बिल्डर के खिलाफ धाखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। इसी तरह दो और पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई।

Created On :   20 Dec 2024 9:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story