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Mumbai News: अब पॉलीक्लीनिक-प्रसूतिगृह में होगी ओरल, स्तन और गर्भाशय कैंसर की जांच
![अब पॉलीक्लीनिक-प्रसूतिगृह में होगी ओरल, स्तन और गर्भाशय कैंसर की जांच अब पॉलीक्लीनिक-प्रसूतिगृह में होगी ओरल, स्तन और गर्भाशय कैंसर की जांच](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/08/1401677-censar.webp)
- कैंसर की रोकथाम के लिए मनपा की पहल
- महीने के अंत तक शुरू होगी सुविधा
Mumbai News मुंबई मनपा (बीएमसी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में कैंसर की रोकथाम पर अपना लक्ष्य केंद्रित किया है। इसके तहत मनपा के पॉलीक्लीनिक और प्रसूतिगृह में ओरल, ब्रेस्ट (स्तन) और गर्भाशय कैंसर की जांच की जाएगी। इस जांच की सुविधा मनपा के 33 पॉलीक्लीनिक और 30 प्रसूति गृह में उपलब्ध होगी। इसका शुभारंभ इस महीने के अंत तक होगा।
मनपा ने वित्त वर्ष 2025-26 में विभागवार व्यापक कैंसर सेवा मॉडल की घोषणा की है। मनपा स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि केंद्र सरकार ने भी अपने बजट में कैंसर की रोकथाम पर लक्ष्य केंद्रित किया है। इसके तहत मनपा के "आपला दवाखाना', 33 पॉलीक्लीनिक और 30 प्रसूति गृह में चरणबद्ध तरीके से ओरल, ब्रेस्ट और गर्भाशय के कैंसर की स्क्रीनिंग की शुरुआत करेगी। उन्होंने बताया कि मैमोग्राफी जांच के लिए महिलाओं को कूपन दिया जाएगा। जिससे वे निजी केंद्रों पर मैमोग्राफी टेस्ट करा सकेंगी।
एनजीओ की ली जाएगी मदद : डॉ. दक्षा ने बताया कि कैंसर नियंत्रण के लिए एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) की मदद ली जाएगी। कई महिलाएं स्तन और गर्भाशय कैंसर की जांच के लिए आगे नहीं आती हैं। इसलिए जांच केंद्र तक तक महिलाओं और युवतियों को पहुंचाने में एनजीओ मनपा के लिए मददगार बनेगी।
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा आम कैंसर : सर्वाइकल कैंसर से हर साल दुनिया में 3 लाख से अधिक महिलाओं की मौत होती है। इनमें से 85 प्रतिशत से अधिक मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। इस कैंसर के लक्षणों को अक्सर महिला पेट दर्द समझकर अनदेखा कर देती हैं। समय पर निदान से मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है।
25 से 50 वर्ष की महिलाओं में स्तन कैंसर की समस्या : हाल के अध्ययनों के मुताबिक, 25 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें से 60 फीसदी मामलों का पता बीमारी के अंतिम चरण में पहुंचने पर चलता है, जिससे मरीज के जीवित रहने की दर काफी कम हो जाती है। ऐसे मामलों का जल्द पता लगने से 98 फीसदी मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
13 फीसदी मुंबईकर तंबाकू के आदी : ओरल कैंसर विश्व स्तर पर एक बड़ी समस्या है। हाल ही में मुंबई में हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के "स्टेप सर्वे 2021' के मुताबिक, 13 फीसदी मुंबईकर तंबाकू का सेवन करते हुए पाए गए हैं। इसमें पुरुषों का एक बड़ा हिस्सा है।
Created On :   8 Feb 2025 7:26 PM IST