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Mumbai News: आनंद परांजपे ने कहा - हमारे नेताओं की व्यक्तिगत आलोचना की तो कतई नहीं करेंगे बर्दाश्त
- राकांपा (अजित) ने शिंदे गुट को पालकमंत्री विवाद पर दी चेतावनी
- हमारे नेताओं की व्यक्तिगत आलोचना की तो कतई नहीं करेंगे बर्दाश्त
- शिंदे गुट के बाद अब अजित के मंत्री हुए नाराज
Mumbai News. राज्य में जिलों के पालकमंत्री के बंटवारे को लेकर महायुति के तीनों दलों में घमासान मचा हुआ है। रायगड के पालकमंत्री पद पर शिवसेना (शिंदे) द्वारा दावा ठोकने के बाद अब राकांपा (अजित) मुख्य प्रवक्ता आनंद परांजपे ने शिंदे गुट के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई हमारे प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और मंत्री आदिति तटकरे की व्यक्तिगत आलोचना करता है, तो हमारी पार्टी उस आलोचना को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। परांजपे ने कहा कि तटकरे परिवार के खिलाफ शिंदे गुट के नेताओं द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा न केवल अशोभनीय है, बल्कि महायुति धर्म का अपमान करने जैसा है। परांजपे ने मंगलवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी 36 जिलों के पालकमंत्री की घोषणा की थी। इसके बाद शिवसेना (शिंदे) के मंत्री भरत गोगावले के समर्थकों ने मुंबई-गोवा हाईवे पर आगजनी की, यह महायुति सरकार के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के दौरान हमारे अध्यक्ष सुनील तटकरे और मंत्री आदिती तटकरे पर अशोभनीय टिप्पणियां की गईं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर पार्टी को अपने विचार व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। यदि कोई निर्णय स्वीकार नहीं किया जाता है तो अपनी पार्टी के नेताओं से परामर्श किया जाता है। परांजपे ने कहा कि पालकमंत्री नियुक्त करने का निर्णय पूरी तरह से मुख्यमंत्री फडणवीस का अधिकार है और अब इस तरह का माहौल खराब करके मुख्यमंत्री को परेशानी में डालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री फडणवीस दावोस दौरे से लौटेंगे तो पार्टी प्रमुख अजित पवार उनसे इस सिलसिले में बातचीत करेंगे। सोमवार को रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्री भरत गोगावले की मांग को जायज बताया था।
शिंदे गुट के बाद अब अजित के मंत्री हुए नाराज
पालकमंत्री को लेकर शिवसेना (शिंदे) के मंत्रियों के नाराजगी के बाद अब अजित पवार के मंत्रियों के नाराज होने की खबर है। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने जिन 36 जिलों के पालकमंत्री की घोषणा की है, उनमें से अजित पवार के खाते में 10 पालकमंत्री पद आए हैं। उनमें से सिर्फ उपमुख्यमंत्री अजित को ही अपने जिले का पालकमंत्री पद मिला है। बाकी सभी मंत्रियों को दूसरे जिलों की जिम्मेदारी मिली है। भाजपा के कोटे में 20 पालकमंत्री बनाए गए हैं, जिनमें से 7 मंत्रियों को उनके गृह जिलों का पालकमंत्री बनाया गया है। जबकि शिंदे गुट के 12 में से सात मंत्रियों को उनके गृह जिलों का पालकमंत्री बनाया गया है। अजित के मंत्रियों का कहना है कि अपने जिले को छोड़कर दूसरे जिले में जाकर संगठन और अधिकारियों से मिलना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। ऐसे में हमें अपने खुद के विधानसभा क्षेत्र में जाने के लिए समय नहीं मिलेगा।
अजित के मंत्रियों को मिले लंबी दूरी के जिले
कोल्हापुर- हसन मुश्रीफ को वाशिम जिले का पालक मंत्री बनाया गया है जो कोल्हापुर से 625 किलोमीटर दूर है।
नाशिक- माणिकराव कोकाटे को 195 किलोमीटर दूर नंदुरबार जिला मिला है।
सातारा- मकरंद पाटील को 440 किलोमीटर दूर बुलढाणा जिले का पालकमंत्री बनाया है।
नाशिक- नरहरि जिरवाल के गृह जिले की हिंगोली तक दूरी 445 किमी है।
लातूर- बाबासाहेब पाटील को 636 किमी दूर के गोंदिया जिले का पालकमंत्री बनाया है।
Created On :   21 Jan 2025 9:18 PM IST