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Mumbai News: आखिर क्यों नहीं थम रही है एकनाथ शिंदे की नाराजगी ! राऊत ने कहा - पवार को नहीं करना चाहिए था सम्मान
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- उपमुख्यमंत्री शिंदे फिर मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में नहीं हुए शामिल
- शिवसेना को तोड़ने वाले एकनाथ शिंदे का पवार को नहीं करना चाहिए था सम्मान- संजय राऊत
- पूर्व विधायक राजन सालवी शिवसेना (शिंदे) में होंगे शामिल
Mumbai News. राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे की नाराजगी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दो दिन पहले ही शिंदे को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की समिति में शामिल नहीं किया गया था, जिस पर उन्होंने अनौपचारिक तौर पर नाराजगी जताई थी। अब बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा बुलाई गई महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक में शिंदे के शामिल नहीं होने पर एक बार फिर उनकी नाराजगी जारी रहने की खबरें हैं। चूंकि उपमुख्यमंत्री शिंदे के पास नगर विकास विभाग है और उन्हें महानगर विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होना था लेकिन शिंदे के रोजाना के शेड्यूल में इस बैठक का कोई जिक्र नहीं था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार शिंदे मुख्यमंत्री फडणवीस का सामना करने से क्यों कतरा रहे हैं। हालांकि उपमुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि शिंदे का पहले से ही तय कार्यक्रम था जिसमें कल्याण में उन्हें एक कार्यक्रम में शामिल होना था। जिसकी वजह से वह इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए। बैठक में शामिल नहीं होने की जानकारी शिंदे ने फडणवीस को दे दी थी। पिछले कई दिनों से चर्चा है कि शिंदे मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा बुलाई गई बैठकों में आखिर शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं। हालांकि चर्चा है कि शिंदे पहले विभागों के बंटवारे, फिर पालक मंत्री पद के बंटवारे और अब उनके मंत्रियों को उनकी मनपसंद के ओएसडी और निजी सचिव नहीं मिलने के चलते नाराज बताए जा रहे हैं। इसी नाराजगी के चलते पिछले कुछ दिनों में शिंदे मंत्रिमंडल की बैठक में दो बार अनुपस्थित भी रह चुके हैं। इसके अलावा शिंदे कई उन प्रमुख बैठकों में भी शामिल नहीं हुए जिनमें मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री को भी शामिल होना था। हालांकि बार-बार शिंदे की तरफ से गया गया है कि वह नाराज नहीं है। बुधवार को भी महानगर विकास प्राधिकरण की मुख्यमंत्री फडणवीस ने बैठक बुलाई, जिसमें शिंदे को नगर विकास मंत्री होने के नाते शामिल होना था। लेकिन वह इस बैठक में शामिल नहीं हुए। जब इसको लेकर उपमुख्यमंत्री शिंदे के कार्यालय से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि भले ही इस बैठक का शिंदे के रोजाना की कार्यक्रम लिस्ट में जिक्र नहीं था लेकिन उन्होंने बुधवार सुबह ही अपनी एक जरूरी बैठक होने के चलते मुख्यमंत्री फडणवीस को नगर विकास की इस बैठक में शामिल नहीं होने में असमर्थता जताई। पिछले सप्ताह भी मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोशल वार रूम की बैठक बुलाई थी, इस बैठक में अजित पवार तो शामिल हुए लेकिन शिंदे शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठकों में शामिल नहीं होने के पीछे एक वजह है यह भी बताई जा रही है कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शिंदे के मंत्रियों के विभागों में हस्तक्षेप किया जा रहा है। तीन दिन पहले उद्योग मंत्री उदय सामंत ने भी अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया था। सामंत ने कहा था कि मेरे विभाग के प्रधान सचिव मेरी जानकारी के बगैर फैसला ले रहे हैं। शिंदे को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से बाहर रखे जाने को लेकर भी राजनीतिक बयानबाजी हुई थी। इसको लेकर शिंदे गुट के मंत्रियों और नेताओं ने आपत्ति भी जताई थी। खुद शिंदे ने इसको लेकर मीडिया में बयान देते हुए कहा था कि मुझे पता नहीं कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पुनर्गठन कब हुआ, लेकिन जब भी राज्य पर कोई विपत्ति आती है तो वह उसके लिए सबसे आगे होते हैं। हालांकि मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी देते हुए शिंदे को प्राधिकरण में शामिल किया गया।
शिवसेना को तोड़ने वाले एकनाथ शिंदे का पवार को नहीं करना चाहिए था सम्मान- संजय राऊत
उधर राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार द्वारा राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं शिवसेना (शिंदे) प्रमुख एकनाथ शिंदे को सम्मानित किए जाने पर शिवसेना (उद्धव) आग बबूला हो गई है। शिवसेना (उद्धव) सांसद एवं प्रवक्ता संजय राऊत ने शरद पवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शिवसेना को तोड़ने वाले महाराष्ट्र के दुश्मन एकनाथ शिंदे का सम्मान शरद पवार को नहीं करना चाहिए था। राऊत ने कहा कि पवार को ठाकरे परिवार की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए था। राऊत के बयान के बाद अब उद्धव गुट की इस नाराजगी का असर महाविकास आघाडी के गठबंधन पर पड़ सकता है। इस बीच शिवसेना (शिंदे) ने राऊत पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर उन्हें शरद पवार से इतनी ही परेशानी हो रही है तो फिर उन्हें आघाडी से बाहर निकल जाना चाहिए। राऊत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र का राजनीति बहुत अजीब दिशा में जा रही है। कौन किसको धोखा देता है और कौन किसका समर्थन करता है, पता नहीं लग रहा है। राऊत ने कहा कि सभी को जानकारी है कि एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी के साथ विश्वासघात किया और सरकार गिराई। लेकिन ऐसे व्यक्ति को शरद पवार पुरस्कार दे रहे हैं। यह महाराष्ट्र के अभियान को ठेस पहुंचाने वाला है। राऊत ने कहा कि अब महाराष्ट्र की जनता के सामने हम किस मुंह से जाएंगे, क्योंकि महाराष्ट्र के खिलाफ काम करने वाले लोगों को इस तरह से सम्मान देना यह राज्य की पहचान के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा कि शायद पवार साहब की भावना अलग हो सकती है लेकिन यह बात महाराष्ट्र के लोगों के लिए स्वीकार्य नहीं है। राऊत ने कहा कि यह उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का सम्मान नहीं बल्कि अमित शाह का सम्मान है, ऐसा हम मानते हैं।
उधर राऊत के बयान पर शिवसेना (शिंदे) नेता एवं राज्य सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि कुछ लोगों को यह नहीं पच रहा है कि आखिरकार शरद पवार ने एकनाथ शिंदे को सम्मानित क्यों किया। शिरसाट ने कहा कि अगर राऊत और शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को इतनी ही ज्यादा तकलीफ हो रही है तो फिर उन्हें महाविकास आघाडी गठबंधन से बाहर निकल जाना चाहिए।
शिंदे ने की थी पवार की तारीफ
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कार्यक्रम में शरद पवार की तारीफ की थी। शिंदे ने पवार की सराहना करते हुए कहा था कि राजनीति में संबंधों का निर्वाह कैसे किया जाता है, यह सभी को शरद पवार से सीखना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पवार की गुगली पर कई आउट हुए हों लेकिन मुझे भरोसा है कि पवार मुझे कभी गुगली नहीं डालेंगे।
पूर्व विधायक राजन सालवी शिवसेना (शिंदे) में होंगे शामिल
इसके अलावा महाराष्ट्र में ऑपरेशन टाइगर की चर्चा के बीच शिवसेना (उद्धव) को एक और झटका लगने जा रहा है। उद्धव गुट के कोकण में बड़े नेता एवं पूर्व विधायक राजन सालवी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। सालवी गुरूवार को शिवसेना (शिंदे) में शामिल होंगे। राज्य के उद्योग मंत्री एवं शिवसेना (शिंदे) नेता उदय सामंत ने कहा कि राजन सालवी की उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बातचीत हुई है। खबर है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सालवी को हार का सामना करना पड़ा था, जिसको लेकर उन्होंने पार्टी के स्थानीय नेताओं पर चुनाव में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था। पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में चर्चा है कि शिवसेना (शिंदे) राज्य में ऑपरेशन टाइगर की शुरुआत कर चुकी है। जिसमें शिवसेना (उद्धव) के कई सांसद, विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व सांसद पार्टी का साथ छोड़कर शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। इसको लेकर शिंदे गुट के नेता उदय सामंत कई बार दावा कर चुके हैं कि कोकण से इसकी शुरुआत होने वाली है। इसी कड़ी में सालवी शिंदे गुट में शामिल हो रहे हैं।
Created On :   12 Feb 2025 9:38 PM IST