Mumbai News: 57वां अंगदान: बेटे के प्राण छोड़ने से पहले मां के फैसले ने चार में फूंकी जिंदगी

57वां अंगदान: बेटे के प्राण छोड़ने से पहले मां के फैसले ने चार में फूंकी जिंदगी
  • 26 साल के ब्रेनडेड युवक के अंगदान से खिलीं अन्य जिंदगियां
  • प्रतीक्षा कर रहे मरीजों को मिलाकिडनी, आंख, लिवर और टिश्यू

Mumbai News मां के लिए संतान का महत्व सबसे बड़ा होता है। ऐसे में जब 26 वर्ष की आयु की संतान मां की आखों के सामने प्राण छोड़े तो इस सदमे का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। लेकिन इस कठिन समय में एक मां के फैसले ने अंगदान की प्रतीक्षा कर रहे चार लोगों में नई जिंदगी जोड़ दी। मंगलवार को हुए इस वर्ष के57वें अंगदान में ब्रेनडेड युवक का लिवर, किडनी, आंख औरटिश्यू का दान किया गया।

जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन समिति (जेडटीसीसी)के मुताबिक मुंबई के एक निजी अस्पताल का कर्मचारी सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान स्वास्थ्य में कोई सुधार न होने के बाद डॉक्टरों ने मंगलवार को उसे ब्रेनडेड घोषित किया। बेटे के ब्रेनडेड घोषित होने के बाद उसी अस्पताल की कर्मचारी उसकी मां ने अपने बेटे के अंगदान का साहसिक निर्णय लिया। मां के इस निर्णय के बाद बेटे का लिवर, किडनी, कॉर्निया और टिश्यू दान की गई। इसी अस्पताल में ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे व्यक्ति को किडनी जबकि लिवर ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल और कॉर्निया आई बैंक को डोनेट की गई।

इतने ब्रेन डेड बुजुर्गों का हुआ अंगदान : जेडटीसीसी के मुताबिक मुंबई में 1 जनवरी से 3 दिसंबर तक 57 ब्रेनडेड मरीजों ने अंगदान किया है। इसमें से 29 ब्रेन डेड बुजुर्ग का अंग दान हुआ है जिससे कइयों को नई जिंदगी मिल सकी है। जेडटीसीसी के मुताबिक अंगदान के मामले में तेजी आ रही है। वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में अधिक अंगदान हुए है। वर्ष 2023 में हुए 50 ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान से 144 लोगों को नई जिंदगी मिली। जबकि वर्ष 2022 में 47 ब्रेन डेड मरीजों के अंगदान से 124 लोगों को जिंदगी मिली थी। इस वर्ष 2024 में अधिक अंगदान हुए है। वर्ष 2024 में 57 अंगदान हुआ है जो 2023 के मुकाबले अधिक रहा।

Created On :   4 Dec 2024 7:22 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story