वायु प्रदूषण का मामला: मुंबई के 7 सार्वजनिक परियोजना स्थलों पर एमपीसीबी और बीएमसी को संयुक्त निरीक्षण का आदेश

मुंबई के 7 सार्वजनिक परियोजना स्थलों पर एमपीसीबी और बीएमसी को संयुक्त निरीक्षण का आदेश
  • 7 सार्वजनिक परियोजना स्थलों पर एमपीसीबी और बीएमसी को संयुक्त निरीक्षण का आदेश
  • प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों और विनियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) और मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को मुंबई के 7 सार्वजनिक परियोजना स्थलों पर संयुक्त निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसमें यह जांच की जाएगी कि वहां प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों और विनियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। इस सात प्रमुख सार्वजनिक परियोजनाओं में बांद्रा में सड़क कांक्रीटीकरण का काम शामिल हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2024 को रखी गई है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी के समक्ष शहर में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को लेकर अदालत की स्वत: संज्ञान में ली गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) को एक हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया है, जिसमें बताया गया है कि शहर में वायु प्रदूषण को कैसे मापा जाए और उसकी निगरानी की जाए। खंडपीठ पीठ ने दोनों प्राधिकारियों से यह भी बताने को कहा है कि शहर में प्रदूषण मापने के लिए कितने उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है और क्या वे सीपीसीबी मानकों के अनुरूप पर्याप्त हैं।

खंडपीठ कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जानी चाहिए। सात सार्वजनिक साइटों की रिपोर्ट के अनुसार वहां बहुत अधिक धूल उठ रही है, जो हवा की गुणवत्ता को खराब कर रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ स्थानों पर बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री बिना ढके पड़ी हुई है, जो वायु प्रदूषण में भी काफी वृद्धि करती है। ऐसी परिस्थितियों में हम निर्देश देते हैं कि एमसीजीएम और प्रदूषण बोर्ड कदम उठाएंगे और कम से कम इन साइटों पर सभी मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आदेश पारित करेंगे।

परिवहन विभाग द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट के बारे में खंडपीठ को सूचित किया गया, जिसमें राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, एमएमआरडीए, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, एनईईआरआई, ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन इंडिया, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव, आईआईटी बॉम्बे के प्रतिनिधि शामिल थे। खंडपीठ ने राज्य सरकार को मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के भीतर सड़क परिवहन उत्सर्जन में कमी के लिए नीतिगत उपायों की पहचान के लिए समिति की रिपोर्ट द्वारा सुझाए गए उपायों पर विचार करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि समिति के जनादेश को ध्यान में रखते हुए हमारी राय है कि रिपोर्ट पर राज्य सरकार द्वारा 8 सप्ताह के भीतर विचार किया जाना चाहिए।

Created On :   11 Dec 2023 9:28 PM IST

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