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मौद्रिक नीति: रेपो रेट में बदलाव नहीं, नहीं बढ़ेगी कर्ज की मासिक किस्त
- महंगाई बढ़ने के आसार
- कर्ज वसूली बढ़ाएं बैंक
- कर्ज सस्ता होने की आस टूटी
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मौैद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे रीयल एस्टेट सहित कई क्षेत्रों की कर्ज सस्ता होने की आस जरूर टूटी है। राहत यह कि कर्ज लेने वालों पर मासिक किस्त (ईएमआई) का बोझ नहीं बढ़ेगा। तीन दिन से चल रही बैठक के बाद गुरुवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महंगाई की चुनौती के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ रही है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखा है। स्टैंडिंग डिपॉजिट रेट 6.25 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट भी 6.75 फीसदी पर कायम रखे गए हैं। केंद्रीय बैंक मई, 2022 से फरवरी, 2023 के बीच रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है। चालू वित्तीय वर्ष में 6.5 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के अनुमान पर भी रिजर्व बैंक कायम है। वित्तीय सेवा क्षेत्र के साथ उद्योग जगत ने रिजर्व बैंक के फैसले का स्वागत किया है। आर्केड ग्रुप के सीएमडी अमित जैन ने कहा कि नीतिगत दरों को यथावत रखने के फैसले से मध्यम अवधि में ब्याज दरें स्थिर रहेंगी, जिसका लाभ सभी क्षेत्रों को मिलेगा।
महंगाई बढ़ने के आसार
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जुलाई-अगस्त के बीच सब्जियों के भाव चढ़े हैं। ऐसे में महंगाई बढ़ सकती है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत रह सकती है। चालू साल की दूसरी तिमाही (जून-सितंबर) में खुदरा महंगाई दर 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रह सकती है।
कर्ज वसूली बढ़ाएं बैंक
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे. ने बैंकों से ऋण वसूली के प्रयासों को दोगुना करने को कहा। उन्होंने कर्ज को बट्टे खाते में डालने से होने वाले नुकसान के पर्ति आगाह करते हुए कहा कि कर्ज वसूली से बैंक को अधिक मुनाफा कमाने में मदद मिल सकती है।
Created On :   10 Aug 2023 9:51 PM IST