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New Delhi News: पूर्व मुख्यमंत्रियों का जलवा, राष्ट्रीय राजनीति में भी चमके-नहीं बन पाए पीएम
- उप-प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे वाईबी चव्हाण
- रक्षा मंत्री और लोस में विपक्ष के नेता रहे पवार
- एसबी चव्हाण और शिंदे ने भी संभाला गृह मंत्रालय
New Delhi News : अजीत कुमार | महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए दोनों महागठबंधनों के बीच संघर्ष जारी है। प्रदेश में अब तक 20 मुख्यमंत्री हो चुके हैं। इनमें से कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी चमक बिखेरी है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए दिल्ली की सियासत मंे संभावनाएं ज्यादा रहती हैं, बावजूद इसके अब तक महाराष्ट्र का कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाया है। महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण उप-प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे, लेकिन प्रधानमंत्री बनने की उनकी हसरत पूरी नहीं हो सकी। इसी प्रकार मराठा क्षत्रप और राकांपा (एसपी) सुपीमों शरद पवार कई बार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल दिखे, लेकिन वे भी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए।
रक्षा मंत्री और लोस में विपक्ष के नेता रहे पवार : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के कार्यकाल के दौरान उप-प्रधानमंत्री बनाए गए थे। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और अन्य प्रधानमंत्रियों के साथ देश के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री जैसी बड़ी जिम्मेदारियां संभाली। केन्द्रीय राजनीति में वाईबी चव्हाण की तूती बोलती थी, कदाचित उनकी कुंडली में प्रधानमंत्री बनने का योग नहीं िलखा था। इसी प्रकार महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे शरद पवार ने भी दिल्ली की खूब राजनीति की। वे लोकसभा में विपक्ष के नेता और देश के रक्षा मंत्री बने। संप्रग शासनकाल में 10 वर्षों तक पवार देश के कृषि और खाद्य मंत्री भी रहे।
एसबी चव्हाण और शिंदे ने भी संभाला गृह मंत्रालय
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण को भी राष्ट्रीय राजनीति में भरपूर महत्व मिला। वे राजीव गांधी की सरकार में देश के वित्त मंत्री रहे तो राजीव गांधी और पीवी नरसिंहाराव के कार्यकाल के दौरान दो बार देश के गृह मंत्री भी बने। 1984 में शंकरराव चव्हाण ने रक्षा मंत्री का कार्यभार भी संभाला। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे को भी देश का गृह मंत्री बनने का सौभाग्य मिला था। उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में पहले ऊर्जा मंत्रालय और बाद में गृह मंत्रालय का दायित्व संभाला।
अंतुले-विलासराव ने भी की केन्द्र की राजनीति
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्रियों एआर अंतुले, विलासराव देशमुख, नारायण राणे, पृथ्वीराज चव्हाण भी राष्ट्रीय राजनीति में आए, परंतु इन्हें केन्द्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली। विलासराव कुछ महीने के लिए देश के ग्रामीण विकास मंत्री रहे, लेकिन बाद में उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी और भारी उद्योग जैसे महत्वहीन मंत्रालय से ही संतोष करना पड़ा था। नारायण राणे भी एमएसएमई मंत्री बने।
मनोहर जोशी बने थे लोस अध्यक्ष : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी वाजपेयी सरकार में भारी उद्योग मंत्री बनाए गए थे। हालांकि बाद में उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण संवैधानिक पद भी संभाला। पूर्व मुख्यमंत्री एआर अंतुले केन्द्र में जल संसाधन, स्वास्थ्य और अल्पसंख्यक कार्य महकमे के मंत्री बने थे। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने से पहले पृथ्वीराज चव्हाण प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के समय पीएमओ में राज्य मंत्री सहित कुछ अन्य विभागों के मंत्री जरूर रहे, लेकिन उनका ओहदा जूनियर मंत्री का ही रहा। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री गोपीनाथ मुंडे भी मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बने थे, लेकिन कुछ महीने के अंदर उनका निधन हो गया था।
Created On :   6 Nov 2024 6:29 PM IST