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लिंगायत, रामोशी, वडार और गुरव के लिए महामंडल
- अलग-अलग चार महामंडलों के स्थापना की मंजूरी
- सरकार ने मंजूरी दी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने लिंगायत, रामोशी, वडार और गुरव समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए चार अलग-अलग महामंडल स्थापित करने को मंजूरी दी है। बुधवार को राज्य के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। सरकार ने राज्य के वीरशैव-लिंगायत समाज के समाजिक और आर्थिक विकास के लिए जगद्ज्योति महात्मा बसवेश्वर आर्थिक विकास महामंडल बनाने को मंजूरी दी है। इस महामंडल का कार्यालय मुंबई में महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछड़ावर्ग वित्त तथा विकास महामंडल के मुख्यालय में होगा। राज्य में विमुक्त जाति व घुमंतु जनजाति में समावेश रामोशी समाज के समाजिक और आर्थिक विकास के लिए महामंडल बनाया जाएगा। रामोशी समाज के लिए राजे उमाजी नाईक आर्थिक विकास महामंडल स्थापित किया जाएगा। राजे उमाजी नाईक महामंडल का कार्यालय मुंबई में वसंतराव नाईक विमुक्त जाति व घुमंतु जनजाति विकास महामंडल के मुख्यालय में होगा। राज्य में विमुक्त जाति व घुमंतु जनजाति के वडार समाज के लिए विकास के लिए अलग से महामंडल बनाने का फैसला लिया गया है। वडार समाज के लिए पहलवान दिवंगत मारूती चव्हाण-वडार आर्थिक विकास महामंडल बनाया जाएगा। इस महामंडल का कार्यालय मुंबई के वसंतराव नाईक विमुक्त जाति व घुमंतु जनजाति विकास महामंडल के मुख्यालय में होगा। इसके अलावा गुरव समाज के आर्थिक व समाजिक विकास के लिए संत काशिबा गुरव युवा आर्थिक विकास महामंडल बनाने को स्वीकृत दी गई है। इस महामंडल का कार्यालय मुंबई स्थित महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछड़ावर्ग वित्त तथा विकास महामंडल के मुख्यालय में होगा। इन चारों महामंडल के लाभार्थियों के लिए मार्जिन मनी योजना, सीधे कर्ज योजना, व्यक्तिगत कर्ज ब्याज वापस योजना, समूह कर्ज ब्याज वापस योजना सहित विभिन्न योजनाओं लागू होगी। चारों महामंडलों के लिए 15-15 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। इसमें महामंडल के महाप्रबंधक, उप महाप्रंबधक, मुख्य वित्तीय अधिकारी, सहायक महाप्रबंधक सहित अन्य पदों को समावेश है।
Created On :   9 Aug 2023 9:51 PM IST