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बनी बात: महायुति के साथ रहेंगे जानकर, राष्ट्रीय समाज पार्टी को मिलेगी लोकसभा की एक सीट
- मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में हुआ फैसला
- शरद पवार को झटका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बीते कई महीनों से भाजपा के खिलाफ तीखी बयानबाजी करने वाले राष्ट्रीय समाज पार्टी (रासपा) के अध्यक्ष महादेव जानकर अब महायुति के साथ ही रहेंगे। जानकर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को समर्थन देंगे। महायुति की ओर से राष्ट्रीय समाज पार्टी को लोकसभा की एक सीट दी जाएगी। रविवार को प्रदेश के पूर्व मंत्री जानकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा पर हुई बैठक में राकांपा (अजित) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे भी मौजूद थे। बैठक में जानकर ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में महायुति के सभी उम्मीदवारों को समर्थन देंगे। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री फडणवीस के कार्यालय की ओर से जानकर के समर्थन का पत्र मीडिया को साझा किया गया है। जिसमें मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री और जानकर का हस्ताक्षर है। जानकर ने कहा कि महायुति में राष्ट्रीय समाज पार्टी को एक सीट मिली है। मंक अगले दो दिनों में सीट और उम्मीदवार के नाम की घोषणा करूंगा। सूत्रों के मुताबिक जानकर ही परभणी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। जानकर ने कहा कि मैं गत दिनों राकांपा (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार से भी मिला था। लेकिन मैंने अब महायुति के साथ रहने का फैसला लिया है।
शरद पवार को झटका
जानकर के महायुति के साथ बने रहने के फैसले से राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि गत दिनों जानकर ने पवार से मुलाकात की थी। जिसमें पवार ने जानकर को लोकसभा की माढा सीट देने के लिए सहमति जताई थी। इसके बाद अब जानकर ने अचानक महायुति को समर्थन देने का फैसला लिया है। पवार बारामती सीट पर जानकर के जरिए धनगर समाज के वोटरों को साधना चाह रहे थे। बारामती सीट पर राकांपा (शरद) की उम्मीदवार सुप्रिया सुले हैं। दरअसल, जानकर विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी से दो सीट माढा और परभणी मांग रहे थे। राकांपा (शरद) अपने कोटे वाली माढा सीट जानकर को देने के लिए तैयार थी। लेकिन शिवसेना (उद्धव) की परभणी सीट नहीं दे रही थी। क्योंकि परभणी सीट से वर्तमान में शिवसेना (उद्धव) के पास है। शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय जाधव को दोबारा टिकट देगी। इसलिए शिवसेना (उद्धव) जानकर के लिए परभणी सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। इसी कारण जानकर विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी में शामिल नहीं हुए थे।
लोस चुनाव लड़ चुके हैं जानकर
इसके पहले जानकर ने साल 2014 में बारामती सीट से राकांपा (अविभाजित) की उम्मीदवार सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। जानकर को साल 2014 में 4 लाख 51 हजार 843 वोट मिले थे। जबकि राकांपा की सुप्रिया को 5 लाख 21 हजार 562 मत मिले थे। उस चुनाव में जानकर ने सुप्रिया को कड़ी टक्कर दी थी। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जानकर मैदान में नहीं उतरे थे। इसके पहले जानकर नांदेड़, माढ़ा और सांगली सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
Created On :   24 March 2024 9:01 PM IST