टाटा अस्पताल की पहल : अब राज्य में जिला स्तर पर हो सकेगा कैंसर का इलाज

टाटा अस्पताल की पहल : अब राज्य में जिला स्तर पर हो सकेगा कैंसर का इलाज
  • सरकारी जिला अस्पतालों के डॉक्टरों को दी जा रही है ट्रेनिंग
  • अब राज्य में जिला स्तर पर हो सकेगा कैंसर का इलाज

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान. कैंसर के लिए प्रख्यात टाटा मेमोरियल अस्पताल में कैंसर के मरीज सिर्फ मुंबई से ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र सहित देश के कोने-कोने से इलाज के लिए आते हैं। महाराष्ट्र के लोगों को उनके जिले में ही कैंसर इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए टाटा अस्पताल ने पहल की है। इस पहल के तहत राज्य सरकार के सभी जिला अस्पतालों के डॉक्टरों और नर्सों को कैंसर के सामान्य रोगों के इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का फायदा यह है कि अब प्रदेश के ग्रामीण इलाके के लोगों को मुख, ब्रेस्ट और सर्वाइकल (गर्भाशय के मुख) कैंसर का इलाज उन्हीं के जिले अस्पताल में शुरू हो गया है।

टाटा मेमोरियल अस्पताल ने वर्ष 2016 में ‘सभी के लिए किफायती कैंसर देखभाल' योजना की शुरुआत की थी। पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर राज्य के पुणे, अमरावती, गढ़चिरौली, नासिक, जलगांव और नागपुर में शुरू की गई थी। इस योजना की वरिष्ठ प्रोजेक्ट प्रबंधक डॉ. सुवर्णा गोरे ने बताया कि टाटा अस्पताल में महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से भी लोग इलाज के लिए आते हैं। इससे अस्पतालों में दबाव बढ़ रहा था। इसके साथ ही रहने, खाने-पीने की सुविधा के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों को आर्थिक परेशानियां भी उठानी पड़ती थीं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेन्द्र बड़वे, डॉ. श्रीपद बनावली ने जिला अस्पतालों के डॉक्टरों को सामान्य कैंसर की स्क्रीनिंग से लेकर इलाज के लिए प्रशिक्षित करने की योजना की शुरुआत की थी।

अन्य जिलों में विस्तार

टाटा अस्पताल के निदेशक डॉ. राजेंद्र बड़वे ने छह जिलों में इस योजना को मिले सकारात्मक प्रतिसाद को देखते हुए इस योजना को महाराष्ट्र के सभी जिलों में विस्तार करने की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की। डॉ. सुवर्णा के मुताबिक, कोविड में यह योजना छह जिलों में थोड़ी प्रभावित हुई थी, लेकिन इस ट्रेनिंग का लाभ यह रहा कि 500 लोगों में मरीजों में कैंसर का निदान और केमोथेरेपी उन्हीं के जिला असपतालो में मिल सका।

एडवांस्ड कैंसर के मरीज मुंबई में रेफर

जिला स्तर पर एमबीबीएस के अलावा एमडी, एमएस डॉक्टर होते हैं। एमडी डॉक्टरों को केमोथेरेपी और कैंसर मरीजों के प्रबंधन, जबकि एमएस डॉक्टरों को सर्जरी की ट्रेनिंग दी गई है। वहीं, प्राथमिक हेल्थ सेंटर में नियुक्त आयुष के डॉक्टरों को स्क्रीनिंग और एमबीबीएस डॉक्टरों को स्क्रीनिंग और इलाज की ट्रेनिंग दी गई है। इन डॉक्टर को यह भी बताया गया है कि अगर स्क्रीनिंग में गंभीर और एडवांस्ड रूपी कैंसर के मरीज पाए जाते हैं, तो उन्हें मुंबई के टाटा असप्ताल में रेफर किया जा सकता है।

एक हजार से अधिक डॉक्टर प्रशिक्षित

डॉ. सुवर्णा गोरे, वरिष्ठ प्रोजेक्ट प्रबंधक-टाटा मेमोरियल अस्पताल के मुताबिक अभी तक छह जिलों के एक हजार से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें एमबीबीएस से लेकर एमडी, एमएस और स्त्रीरोग विशेषज्ञ शामिल हैं। इन डॉक्टरों को सामान्य कैंसर-मुख, ब्रेस्ट और गर्भाशय कैंसर की स्क्रीनिंग से लेकर इसके इलाज, सर्जरी और केमोथेरेपी के बार में प्रशिक्षित किया गया है।


Created On :   2 Aug 2023 9:21 PM IST

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