मुंबई: मनपा के ट्रॉमा अस्पताल में मरीज भगवान भरोसे, आईसीयू से गायब रहते हैं डॉक्टर

मनपा के ट्रॉमा अस्पताल में मरीज भगवान भरोसे, आईसीयू से गायब रहते हैं डॉक्टर
  • मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों की भी है लेटलतीफी
  • ओपीडी के मरीजों को नहीं देखते सीनियर डॉक्टर
  • आईसीयू से गायब रहते हैं डॉक्टर

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की हुई मौतों के बाद अब मुंबई के मनपा अस्पताल में भी लापरवाही की बात सामने आई है। मनपा द्वारा संचालित जोगेश्वरी के हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे ट्रॉमा अस्पताल के आईसीयू विभाग और मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों के अस्पताल से गायब रहने का मामला सामने आया है। इन डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर अस्पताल के ऑन ड्यूटी स्टाफ ने अपने वरिष्ठों को भी लिखित रूप से अवगत कराया है, लेकिन प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। इसके चलते यहां मरीजों का इलाज भगवान भरोसे चल रहा है।

जोगेश्वरी के ट्रॉमा अस्पताल में आईसीयू के डॉक्टरों की अनुपस्थिति रोज की बात हो गई है। ताजा मामला 15 और 18 अक्टूबर का है। 15 अक्टूबर को आईसीयू में कार्यरत रात्रि शिफ्ट का डॉक्टर बिना बताए ही चला गया, जबकि सबेरे की शिफ्ट का डॉक्टर आया ही नहीं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति को लेकर ऑन ड्यूटी स्टाफ ने वरिष्ठ मेडिकल अफसर को अवगत भी कराया। इतना ही नहीं इस स्टाफ ने यह भी बताया कि उस समय आईसीयू में एक मरीज वेंटिलेटर पर है और एक मरीज बाई-पेप पर है। इसके बाद भी 18 अक्टूबर को डॉक्टर फिर से आईसीयू से गायब रहे। नाइट शिफ्ट का डॉक्टर मॉर्निंग शिफ्ट के डॉक्टर का इंतजार किये बिना ही चला गया। इसकी लिखित सूचना वरिष्ठ मेडिकल अफसर से की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मनपा ने अस्पताल के 12 बेड के आईसीयू को एक निजी कंपनी को चलाने दिया है। आरोप है कि इस कंपनी द्वारा मुहैया कराए जा रहे डॉक्टर मनमानी कर रहे हैं।

वरिष्ठ डॉक्टर भी गायब

डॉक्टरों के गायब रहने की घटना सिर्फ आईसीयू में ही नहीं हो रही है। बल्कि यहां के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर भी अनुपस्थित रहते हैं। अस्पताल के एक कर्मी ने बताया कि मनपा प्रशासन ने यहां के मेडिसिन विभाग में एक वरिष्ठ डॉक्टर की नियुक्ति की है। लेकिन डॉक्टर कभी समय पर नहीं आते और आते भी हैं तो गंभीर मरीजों को देखने के बजाय जूनियर डॉक्टरों को मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर करने का निर्देश देते हैं। इसकी पुष्टि उसी नोट से की जा सकती है जो स्टाफ ने 26 अक्टूबर को मेडिसिन के लेक्चरर को लिखा था। इस नोट में स्टाफ ने लिखा था कि ओपीडी में मरीजों की कतार लगी हुई है और ओपीडी में न ही सीनियर रजिस्ट्रार है और न ही सीनियर हाउस ऑफिसर।

सहायक मेडिकल अफसर के दम पर ओपीडी

अस्पताल में मेडिसिन की ओपीडी सहायक मेडिकल अफसर के दम पर ही चल रही है। ओपीडी में आनेवाले मरीजों को एमबीबीएस डॉक्टर ही देख रहे हैं। सिर्फ 5 से 6 गंभीर मरीजों को ही लेक्चरर या रजिस्ट्रार को रेफर किया जाता है, जिन्हें इलाज के बजाय दूसरे अस्पतालों में भेजने का आदेश वरिष्ठ डॉक्टर देते हैं।

लापरवाही से हाल में हुई तीन मरीजों की मौत

मेडिसिन विभाग की लापरवाही की वजह से हाल के दिनों में तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। इन मरीजों को ट्रॉमा अस्पताल के कैजुअल्टी विभाग के डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया था। मरनेवालों मरीजों में ऑटो रिक्शा ड्राइवर राजेश यादव, युवक अजित मुत्थु स्वामी और महिला अश्विनी गायकवाड शामिल हैं। अश्विनी की मौत को लेकर उसके पति ज्ञानेश्वर ने मनपा प्रशासन के आला अफसरों तक लिखित रूप से शिकायत की है। इन तीनों मरीजों के परिजनों ने बताया कि वे अपने मरीज को भर्ती करने के लिए डॉक्टरों से मिन्नतें भी की लेकिन रोग की गंभीरता को जाने बिना डॉक्टरों ने इन्हें मामूली दवाई देकर घर भेज दिया।

क्या कहा अधिकारी ने

अस्पतालों में डॉक्टरों के अनुपस्थिति को लेकर अतिरिक्त मनपा आयुक्त सुधाकर शिंदे ने बताया कि इस संबंध में मिली शिकायतों की जांच की जा रही है।

Created On :   29 Oct 2023 3:29 PM IST

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